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बड़ा खुलासा, 2022 तक भारत में डबल हो जाएगा ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग मार्केट

गूगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट में किया गया है यह दावा भारत का ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग मार्केट बढ़कर हो जाएगा 8 करोड़ डॉलर

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Big reveal, online food ordering market will double in India by 2022

Big reveal, online food ordering market will double in India by 2022

नई दिल्ली। भारत का ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग मार्केट मौजूदा चार अरब डॉलर से बढ़कर 2022 तक 7.5-8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान बाजार की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धिदर (सीएजीआर) 25 से 30 फीसदी रहेगी। गूगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

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फूड टेक्नोलॉजी ब्रांड्स के लिए अच्छी खबर
फूड टेक्नोलॉजी ब्रांड्स के लिए यह अच्छी खबर है। इन ब्राडों में दुनिया का सबसे बड़ा मछली और मांस (फिश एंड मीट) ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्रेशटूहोम भी शामिल है, जिसने एक साल में कुल 12.1 करोड़ डॉलर की सीरीज सी फंडिंग हासिल कर ली है, जबकि अधिकतर कंपनियों के लिए यह अवधि मुश्किलों से भरी थी। टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंटरनेट की सुविधा बढऩे से लिसियस, ग्रोफर्स, बिगबास्केट, जेपफ्रेश और मिल्कबास्केट जैसी ऑनलाइन फूड कंपनियों को काफी लाभ मिला।

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लॉकडाउन में बड़ा मुनाफा
कोरोनावायरस महामारी के दौरान बहुत सारे लोगों ने खरीदारी के पुराने तरीके छोड़कर ऑनलाइन फूड डिलीवरी को तवज्जो दी। इस दौरान इन कंपनियों की पहुंच भी बढ़ी, जिससे उन्हें नए ग्राहक समूह मिले और उनके मुनाफे में भी इजाफा हुआ। इसके साथ ही इन दिनों मोबाइल एप, टेक इंटिग्रेशन जिनमें क्यूआर आधारित मेनू डिस्प्ले भी शामिल है, संपर्क रहित भुगतान, ऑनलाइन मील्स कस्टमाइजेशन, ऑनलाइन ट्रैकिंग एंड ट्रेसिंग ऑफ इनग्रिडिएंट्स और एआई सक्षम स्मार्ट कैमरा एडेड सर्विसेज का इन दिनों फूड इंडस्ट्रीज में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।

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दोगुना कारोबार होने का अनुमान
फूड के साथ टेक्नोलॉजी का यह इंटिग्रेशन 25-30 फीसदी के सीएजीआर दर से बढ़ते हुए 2022 तक आठ अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। गूगल और बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, तेज डिजिटाइजेशन और लगातार बढ़ती खपत से 2017-2019 के बीच फूड टेक एग्रीगेटर की पहुंच छह गुना बढ़ी है। आंकड़े ये भी बताते हैं कि ऑनलान फूड एक्सप्लोरिंग और ऑर्डरिंग पर खर्च होने वाला समय भी 2017 के 32 मिनट मासिक से दोगुने से ज्यादा बढ़कर 2019 में 72 मिनट प्रति महीना तक पहुंच गया।

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फूड ऑर्डरिंग फ्रीक्वेंसी में इजाफा
यह भी अनुमान है कि फूड ऑर्डरिंग फ्रीक्वेंसी 18-20 फीसदी बढ़ सकती है, हालांकि औसत ऑर्डर वैल्यू 5-10 फीसदी घट सकती है। यानी ऑर्डर का आकार छोटा होगा, लेकिन ऑर्डर की संख्या में इजाफा होगा। खाद्य प्रेमी गुणवत्ता से समझौता किए बिना खाद्य तकनीक नवाचारों का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। आज के उपभोक्ताओं को खाद्य धोखाधड़ी के बारे में अच्छी तरह से पता है और इसलिए वे अपने भोजन में उपयोग की जाने वाली सामग्री, अपने स्रोत की ट्रेसबिलिटी, साथ ही कई तरह के स्वास्थ्य और स्वच्छता कारकों सहित हर चीज को जानने के इच्छुक हैं।