26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

5 जी को बड़ा झटका, अब 2020 में नहीं शुरू हो पाएगी सेवा

जून में 100 दिनों तक की डेडलाइन हो चुुकी है खत्म ट्रायल के लि आईआईटी चेन्नई में तैयार किया है सेटअप

2 min read
Google source verification
5g.jpeg

नई दिल्ली। 5 जी को लेकर देश में बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर यह है कि 2020 तक देश में 5 जी शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि अभी तक 5 जी का ट्रायल तक शुरू नहीं हो सका है। यहां तक कि जून में सरकार द्वारा दी गई 100 की डेडलाइन तक समाप्त हो चुकी है। जानकारी के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने अभी तक ट्रायल का प्लान तक तैयार नहीं किया गया है। आपको बता दें कि खुद रविशंकर प्रसाद ने 100 दिनों की डेडलाइन तय की थी। जिसके बाद ट्रायल शुरू होना था। देश में 5 जी को लेकर काफी समय से इंतजार हो रहा है। यहां तक कि देश की टेलीकॉम कंपनियों ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

यह भी पढ़ेंः-करीब एक महीने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती, आज इतना हुआ सस्ता

अभी शुरू नहीं हुई टेस्टिंग
वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो की नुमाइंदगी करने वाली सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन एस मैथ्यूज के अनुसार अभी तक 5 जी की एंड-टू-एंड टेस्टिंग नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने आईआईटी चेन्नई में 5 जी ट्रायल के लिए सेटअप तैयार किया है। जिसका मकसद इंडस्ट्री को तेज रफ्तार वाले नेटवर्क की जल्द शुरुआत करने में मदद करना है। मैथ्यूज के अनुसार सरकार से अनुमति मिलने और स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद फील्ड ट्रायल की शुरुआत हो सकेगी। वहीं दूसरी ओर इस खबर को लेकर डॉट की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

यह भी पढ़ेंः-अमरीका ने ईयू प्रोडक्ट्स पर लगाया टैरिफ, एशियाई बाजारों समेत सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावपट

रविशंकर प्रसाद ने दिया था बयान
टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने 3 जून को कहा था कि वह 100 दिनों के अंदर 5 जी का ट्रायल शुरू करने पर जोर देंगे। जानकारों की मानें तो 2018 में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों और वेंडर पार्टनर्स को 2019 तक देश से जुड़े 5 जी के सभी केस सामने रखने को कहा था। हालांकि, नवंबर 2018 में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल व रिलायंस जियो और उनके टेक्नोलॉजी पार्टनर्स के संयुक्त प्रस्ताव पेश करने के बाद भी अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। मैथ्यूज के अनुसार उन्हें 3.3-3.6 गीगा हट्र्ज के रेडियो वेव की पूरी जानकारी चाहिए। एंड-टू-एंड हैंडसेट टेस्ट इसी आधार पर किया जाएगा।