
Corona new strain 'dangerous' then effective vaccine in 42 days
नई दिल्ली। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दुनिया भर में हड़कंप मचा है। इस वायरस स्ट्रेन का फैलाव पहले से 70 प्रतिशत ज्यादा तेज है। दुनिया में बन रही अधिकांश वैक्सीन अंतिम चरण में हैं। इनमें से करीब आधा दर्जन को प्रयोग की मंजूरी मिल चुकी है व मिलने वाली है। ऐसे में सभी के मन में बस एक ही सवाल है कि क्या कोरोना वैक्सीन इस नए वायरस के स्ट्रेन पर प्रभावी होंगी? यदि प्रभावी नहीं होंगी तो क्या वैक्सीन में कोई बदलाव संभव है? बदलाव करने में कितना समय लगेगा? फाइजर ने बायोएनटेक कंपनी के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित की है। बायोएनटेक कंपनी के को-फाउंडर व चिकित्सा वैज्ञानिक उगुर साहिन ने वायरस के नए स्टे्रेन व वैक्सीन के प्रभावों को लेकर जानकारी दी।
वायरस के मूल जेनेटिक कोड में बदलाव
सामान्यत: सभी वायरस म्यूटेट होते हैं यानी वे अपना स्वरूप बदलते हैं। जब वायरस किसी के शरीर में प्रवेश करता है तो वह शरीर में प्रसार की प्रक्रिया के तहत नए वायरस पैदा करता है। इसमें कभी-कभी गड़बड़ी की वजह से वायरस के मूल जेनेटिक कोड में बदलाव हो जाता है। ऐसे में जो नया वारयस पैदा होता है उसकी मूल वायरस से ज्यादा या कम घातक हो सकता है। जब ये शरीर की किसी कोशिका पर हमला करते हैं तो घातक होने की स्थिति में कुछ ही घंटों में ये अपनी लाखों कॉपीज बना देते हैं। इससे मरीज मरीज जल्दी ही बीमारी की गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है।
वायरस के नए स्ट्रेन में 9 म्युटेशन
ब्रिटेन में पाए गए नए कोरोना वायरस स्ट्रेन में नौ म्युटेशन हैं। इस वायरस में पहले भी स्टे्रन में बदलाव हुए हैं। बायोएनटेक-फाइजर की वैक्सीन में एक हजार से ज्यादा एमिनो एसिड्स हैं जबकि कोरोना वायरस में नौ म्यूटेशन ही हैं। इसका अर्थ है कि 99 फीसदी प्रोटीन अभी भी वैसे ही हैं। इसलिए वैक्सीन के प्रभाव पर खास फर्क नहीं पड़ेगा।
14 दिन का इंतजार, सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा
अभी वायरस के इस स्ट्रेन की सीक्वेंसिंग नहीं हुई है। इसके नए स्ट्रेन पर टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके अध्ययन के नतीजे आने में करीब दो सप्ताह का समय लगेगा। अध्ययन खत्म होने के बाद ही पूरी बात पता चलेगी। इससे पहले हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए सावधान रहना होगा। हमें इससे डरने की बजाय बचाव पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जो सबसे जरूरी है।
स्ट्रेन के अनुरूप वैक्सीन में बदलाव संभव
वैक्सीन का इम्यून रेस्पॉन्स नए वायरस स्टे्रेन से भी लडऩे में सक्षम है। यदि आवश्यक्ता पड़ी तो मैसेंजर आरएनए टेक्नोलॉजी पर बनी वैक्सीन को नए म्युटेशन के अनुरूप छह सप्ताह में बदलाव कर सकते हैं। इससे वैक्सीन नए वायरस स्ट्रेन को मारने में पूरी तरह सक्षम हो जाएगी। हालांकि नए स्टे्रन के म्यूटेशन का संक्रमण व शरीर की कोशिकाओं पर दुष्प्रभाव के अध्ययन की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा।
Updated on:
23 Dec 2020 09:26 am
Published on:
23 Dec 2020 09:20 am
बड़ी खबरें
View Allउद्योग जगत
कारोबार
ट्रेंडिंग
