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नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में त्रासदी मचा रखी है। इसकी वजह से आम जनमानस से लेकर अर्थव्यवस्था तक डूबती नजर आ रही है। अर्थव्यवस्था का हर पहलू इसकी मार झेल रहा है। फिर चाहें वो शेयर मार्केट हो बैंकिंग सेक्टर, होटेल इंडस्ट्री या आईटी सेक्टर । हर सेक्टर का बिजनेस सुस्त हो गया है। कोरोना ने लोगों की प्रगति को सालों पीछे पहुंचा दिया है। एविएशन इंडस्ट्री पर पड़े असर को तो हम पहले ही बताचुके हैं, आईटी सेक्टर का हाल भी ज्यादा अलग नहीं हैं। हाल के दिनों में आईटी शेयरों में बड़ी गिरावट आई है।
निफ्टी आईटी इंडेक्स इस साल अबतक 25 फीसदी से ज्यादा टूटा है, जबकि एक महीने में इसमें 28 फीसदी गिरावट आई है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना आउटब्रेक के चलते सेक्टर की ग्लोबल ग्रोथ प्रभावित हुई है और इससे आगे आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में बड़ी गिरावट की आशंका है। कुछ लोग तो इसे आईटी के लिए 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के रूप में भी देख रहे हैं।
ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल के अनुसार आईटी सेक्टर पर COVID-19 का असर गहरा और लंबा खिंचता दिख रहा है। इनके मुताबिक साल 2008 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस ने आईटी सेक्टर को खासा नुकसान पहुंचाया था । इसके बाद सेक्टर के रेवेन्यू में बड़ी गिरावट आई थी। जिसके चलते 2009 की दूसरी छमाही में सेक्टर के रेवेन्यू में गिरावट के साथ कंपनियों का वैल्युएशन काफी घट गया था। COVID-19 आउटब्रेक के चलते आईटी सेक्टर के कुछ वैसे ही हालात बनते दिख रहे हैं।
आपको मालूम हो कि भारतीय आईटी कंपनियों का बाजार भारत के अलावा अमेरिका और यूरोप के कई बड़े देशों में है। लेकिन इन दिनों कोरोना वायरस के मामले चीन के बाद अमेरिका और यूरोप के देशों में सबसे ज्यादा है। ऐसे में क्लाइंट घटने से लेकर आर्डर में भी भारी कमी आने की आशंका है
Updated on:
24 Mar 2020 07:02 pm
Published on:
24 Mar 2020 06:58 pm
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