
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के पैनडेमिक घोषित किये जाने के बाद से पूरी दुनिया में ट्रैवेल पर लगभग बैन लग गया था । इसके बाद भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन ( corona lockdown ) लागू हो गया । इस पूरे घटनाक्रम में लाखों करोड़ लोग जिन्हें फ्लाइट से देश या विदेश की यात्रा करनी थी उनकी टिकट कैंसिल हो गई। टिकट कैसिंल होने के बाद पैसे वापस करने के लिए एयरलाइंस कंपनियां ( airlines companies ) काफी बवाल कर रही थी । घाटे में चल रही इन एयरलाइंस कंपनियों ने टिकट कैंसिल और रिफंड की बात तो मानी लेकिन कस्टमर्स को उनके पैसे कोअकाउंट की जगह टिकट शेल, पीएनआर सेव जैसे ऑप्शनस के जरिए देने की बात कही। इस तरह की फैसिलिटी से कैश की कमी से जूझ रही एयरलाइंस कंपनियों को तो राहत थी लेकिन कस्टमर्स खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा था और लगातार पैसा वापस किये जाने को लेकर आवाज उठाई जा रही थी । एक अनुमान के अनुसार एयरलाइंस कंपनियों के पास कैंसिल टिकट का कम से कम 8,000 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। जिस वजह से लगातार टिकट के पैसों को लेकर कंपनी और कस्टमर्स की किचकिच हो रही है।
इसी मामले में आज DGCA ने ट्वीट कर एयरलाइंस कंपनियों को कस्टमर्स की कैंसिल टिकट का पैसा न सिर्फ उन्हें वापस करने का आदेश दिया है बल्कि ये सभी भुगतान 3 सप्ताह के अंदर करने के लिए भी कहा है।
DGCA ने अपने आदेश में साफ कहा है कि, अगर कस्टमर ने 25 मार्च से 14 अप्रैल की टिकट बुक कराई है और उसका पेमेंट एयरलाइंस कंपनीज को पहले लॉकडाउन की अवधि में मिला है। तो ऐसे हालात में ये कंपनियां कस्टमर्स को पूरा पैसा बिना किसी कैंसलेशन चार्ज के वापस करेगी । ऐसा ही आदेश दूसरे लॉकडाउन की अवधि यानि 15 अप्रैल से 3 मई के बीच बुक होने वाली फ्लाइट टिकट्स के लिए भी दिया गया है।
कोरोना ने तोड़ी एयरलाइंस कंपनियों की कमर-
आपको बता दें कि एयरलाइंस कंपनियों पर इस कोरोनावायरस का सबसे बुरा असर पड़ा है । एयरलाइंस कंपनियों को होने वाले नुकसान को देखकर कई कंपनियों के दिवालिया होने की आशंका जताई जा रही है। पिछले डेढ महीने से इन कंपनियों का काम लगभग ठप्प पड़ा है जिसकी वजह से कंपनियों ने अपने स्टाफ को छुट्टी पर भेजने के साथ छंटनी का काम भी शुरू कर दिया है।
Updated on:
17 Apr 2020 07:35 am
Published on:
16 Apr 2020 05:43 pm
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