उद्योग जगत

पर्यावरण स्वीकृति वाली माइंस को भी दोबारा लेनी होगी स्वीकृति

राजस्थान सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति वाली माइंस व क्वारी लाइसेंस धारकों को राज्य स्तर पर दोबारा पर्यावरण स्वीकृति के निर्देश दिए हैं।

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राजस्थान सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति वाली माइंस व क्वारी लाइसेंस धारकों को राज्य स्तर पर दोबारा पर्यावरण स्वीकृति के निर्देश दिए हैं। 9 सितंबर 2013 से पहले के माइनिंग लीजधारकों व क्वारी पट्टाधारकों को स्टेट लेवल एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी में सीधे ही आवेदन करना होगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम, एमएसएमई व उद्योग वीनू गुप्ता ने कहा कि राज्य स्तर पर जयपुर की दो स्टेट लेवल एन्वायरमेंट अप्रेजल कमेटी के साथ ही जोधपुर और उदयपुर में एक— एक स्टेट लेवल एन्वायरमेंट अप्रेजल कमेटी के गठन पर विचार किया जा रहा है।

एनजीटी के आदेश के बाद राज्य सरकार गंभीर

गुप्ता ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद राज्य सरकार गंभीर है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। 5 हैक्टेयर या इससे अधिक की माइनिंग व क्वारी लीजों की संख्या कम है और इनका कलस्टर बनाने का काम आरंभ करने के निर्देश दे दिए गए हैं, जबकि इनके अतिरिक्त डिस्ट्रीक्ट लेवल एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से पर्यावरण स्वीकृति वाली लीजों के धारकों द्वारा सीधे ही आवेदन किया जाएगा और इनके प्रर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया आसान होने और राज्य स्तर की जोधपुर और उदयपुर में कमेटी गठित होने से प्राथमिकता से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी।

1300 माइनिंग लीज व लाइसेंस

निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की ओर से 9 सितंबर 2013 के बाद की 5 हैक्टेयर या इससे अधिक की माइनिंग व क्वारी लीजों को राज्य स्तर से पर्यावरण स्वीकृति के लिए कलस्टर बनाने का काम आरंभ कर दिया गया है और इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इस तरह की करीब 1300 माइनिंग लीज व क्वारी लाइसेंस है।

Published on:
18 Jun 2023 03:06 pm
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