
नई दिल्ली। आम्रपाली प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों ने एक यचिका दायर किया है। याचिका में इन खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट से ये गुहार लगाई है कि आम्रपाली ग्रुप को दिवालिया न घोषित किया जाए। ये सभी खरीदारी ग्रेटर नोएडा स्थित आम्रपाली प्रोजेक्ट में फ्लैट में अपना पैसा लगाया है। इस याचिका पर आज सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को 4 हफ्तों का समय देते हुए जवाब मांगा है। खरीदारों ने याचिका मे कोर्ट से गुहार लगाया है कि आम्रपाली बिल्डर के दिवालिया होन से उन्हे बहुत नुकसान होगा। इसलिए बिल्डर को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को रोक लिया जाए। ताकि कंपनी दिवालिया घोषित न हो सके।
घर खरीदारों की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर को 4 हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है। ये दूसरा मामला है जिसमें किसी कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया गया है। ये याचिका लगभग 107 फ्लैट खरीदारों ने दायर किया है। इसमें आम्रपाली सिलिकन सिटी को दिवालिया घोषित करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा में मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT)का आदेश निरस्त किया जाए।
एनसीएलटी ने दिया था दिवालिया घोषित करने का आदेश
उल्लेखनीय है कि, एनसीएलटी ने बीते माह चार सितंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका पर आम्रपाली ग्रुप को दिवालिया घोषित करने संबंधी कानून के तहत कारवाई करने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि एनसीएलअी में रियल स्टेट फर्म के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद रकम वसूलने के बाद दीवानी अदालतों की डिक्री और उपभोक्ता आयोग के आदेश पर अमल नहीं किया जा सकता है।
क्या है मामला
इसके पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने आम्रपाली इंफ्रास्ट्रक्चर को 97.30 करोड़ रुपए का लोन दिया था लेकिन आम्रपाली इसे चुका नहीं पाया। इसके अलावा आम्रपाली ने गे्रटर नोएडा अथॉरिटी का भी बकाया अभी तक नहीं चुकाया। और इसी का हर्जाना फ्लैट खरीदारों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि एनसीएलटी ने बैंको को होम बायर्स के साथ नरमी बरतने का आदेश दिया है। अभी तक आम्रपाली ने फ्लैट खरीदारों से 90 फीसदी तक पैसे ले लिया है लेकिन पिछले सात सालों मे एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया है।
Published on:
06 Oct 2017 03:24 pm
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