
भारत 200 टन सोने के सालाना उत्पादन में सक्षम, एक लाख को मिल सकता है रोजगार
नर्इ दिल्ली। इतिहास में देश में सोने की चीड़िया कहा जाता था। यह कहावत यूं ही नहीं थी। इस बात को पुख्ता किसी भारतीय ने नहीं बल्कि एक विदेशी ने किया है। एक विदेशी विशेषज्ञ के अनुसार भारत हर साल 200 टन सोना उत्पादन कर सकता है। उत्पादन की इस प्रक्रिया में देश के 1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार तक मिल सकता है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस विदेशी विशेषज्ञ ने भारत में सोने के उत्पादन को लेकर रोशनी डाली।
इस विशेषज्ञ ने दी जानकारी
भारत में हर साल 200 टन से ज्यादा सोना उत्पादन करने की क्षमता है, और इससे देश में इस कीमती धातु की भारी मांग को पूरा किया जा सकता है, जो मुख्यत: आयात से पूरी होती है। यह जानकारी एसोचैम के 11वें अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के गैलेक्सी गोल्ड माइन्स के प्रबंध निदेशक निक स्पेंसर ने दी। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी से देश के सोने की मांग पूरी हो सकती है, जो वर्तमान में एक टन सालाना है।
200 टन सोने का उत्पादन सालाना
स्पेंसर ने कहा, "वर्तमान में, भारत एक से 1.5 टन सोना का सालाना उत्पादन करता है, जो केवल एक खान से ही होता है, जबकि देश में सालाना खपत 900 सोने की होती है।" उन्होंने कहा, "भारत अपनी सोने की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 100-200 टन सालाना कर सकता है, जो करीब 20 खदानों से आएगी।"
एक लाख लोगों को मिल सकता है रोजगार
उन्होंने कहा कि इस स्तर के उत्पादन के लिए करीब एक से डेढ़ अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी, जिससे 50,000 से 1,00,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल के मुताबिक, सोने के खनन का इतिहास होने के बावजूद भारत का वर्तमान उत्पादन स्तर काफी कम है और साल 2016 में दो टन से कम सोने का उत्पादन हुआ था। आपको बता दें कि देश में मौजूदा समय में सोना बाहर से आयात किया जाता है। पिछले कुछ समय से भारत के गोल्ड रिजर्व में सोने की मात्रा कम होती जा रही है।
Published on:
20 Sept 2018 09:09 am
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