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हैदराबाद। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा-आई) ने स्वास्थ्य बीमा सेवा देने वाली स्वास्थ्य एवं सामान्य बीमा कंपनियों से अधिक से अधिक अस्पतालों को वरीय प्रदाता नेटवर्क (पीपीएन) में शामिल करने के लिए कहा है। प्राधिकरण ने दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बॉम्बे और गुजरात उच्च न्यायालय की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि बीमा कंपनियों को अधिक से अधिक अस्पतालों को पीपीएन के दायरे में लाने की कोशिश करनी चाहिए।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शहर के तीन हजार से ज्यादा अस्पतालों में से बीमा कंपनियों की ओर से मात्र 250 को पीपीएन के दायरे रखने पर बीमा कंपनियों को आड़े हाथों लिया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद शहर में मात्र 98 अस्पतालों के इस दायरे में होने पर नाराजगी जाहिर की थी। इरडा-आई ने इरडा (स्वास्थ्य बीमा) नियामक 2013 के नियम 10(सी) का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि 'बीमा कंपनियां सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के पर्याप्त प्रदाताओं के साथ समझौते करेंगी जिनका विस्तार पर्याप्त भौगोलिक क्षेत्र में होगा।' प्राधिकरण ने एक बार फिर दोहराया है कि बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा के लिए अधिक से अधिक अस्पतालों को नकद रहित सुविधा पीपीएन में शामिल करना चाहिए।
Published on:
10 Jan 2016 03:03 pm
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