
जेट एयरवेज संकट: कंपनी को दिवाला कानून के तहत पहला नोटिस, एनसीएलटी जाने की चेतावनी
नई दिल्ली।जेट एयरवेज का संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जेट एयरवेज को दिवाला कानून ( आईबीसी ) के तहत पहला नोटिस मिला है। पिछले हफ्ते कंपनी के एक सेवा प्रदाता ने नोटिस भेजकर कहा है कि अगर कंपनी 10 दिनों के अंदर बकाया नहीं चुकाती है तो वह उसके खिलाफ दिवालिया प्रकिया की याचिका दाखिल करेगी।
इस कंपनी ने भेजा जेट को नोटिस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेट को यह नोटिस 'मिराडॉर' ब्रांड की तरफ से भेजा गया है। जेट पर उसका 25.68 लाख रुपए बकाया है। कंपनी का कहना है कि उसे इस साल 2 जनवरी के बाद से जेट ने कोई भुगतान नहीं किया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ( एनसीएलटी ) अगर इस याचिका को दिवाला कानून के तहत स्वीकार कर लेता है तो इससे जेट को कर्ज देने वाले बैंकों पर और दबाव बढ़ेगा, जो कम्पनी को बचाने के लिए वित्तीय निवेशक और रणनीतिक खरीदार की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा दूसरे संचालन कर्जदाता भी दिवाला कानून के तहत बकाए की मांग शुरू कर सकते हैं। इस मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया कि ऐसी स्थिति में बैंकों को जेट को बकाएदारों का पैसा लौटाने में मदद करनी होगी या उन्हें दिवाला कानून के तहत लोन रिकवरी की प्रक्रिया टालने का अनुरोध करना होगा।
नसीम जैदी ने दिया बोर्ड से इस्तीफा
जेट एयरवेज के गैर कार्यकारी और गैर स्वतंत्र निदेशक नसीम जैदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जैदी मुख्य चुनाव आयुक्त और नागरिक विमानन सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों और समयाभाव का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। उनका इस्तीफा रविवार से प्रभावी हो गया है।
स्लॉट बंटवारे का विरोध
जेट एयरवेज के खाली स्लॉट अन्य एयरलाइंस को देने की तैयारी का कंपनी के कर्मचारी यूनियन ने विरोध किया है। ऑल इंडिया जेट एयरवेज टेक्नीशियंस एसोसिएशन ने धमकी दी है कि अगर कंपनी के स्लॉट का बंटवारा नहीं रुका, तो वह समाधान प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए कानूनी मदद लेने से नहीं हिचकेगी। यूनियन ने डीजीसीए को कहा है कि जब तक कंपनी की बोली प्रक्रिया संपन्न नहीं हो जाती, तब तक के लिए स्लॉट बंटवारे पर रोक लगाई जाए।
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Published on:
23 Apr 2019 05:11 pm
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