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केरल बाढ़ः पानी घटने के बाद स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां, एस्टर डीएम हेल्थकेयर से जुड़े स्वयंसेवक दिन-रात बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं

एस्टर वॉलियन्टर्स केरल के दूरदराज़ इलाकों में मेडिकल चैकप कैंप लगा रहे हैं और साथ ही लोगों के बीच कपड़े, कंबल, खाना, स्वच्छ पानी बांट रहे हैं। एस्टर आपदा साहयता संगठन में ऐस्टर डीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल्स की ओर से 300 से ज़्यादा मेडिकल और नॉन-मेडिकल वॉलियन्टर्स हैं।

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Kerala Flood

केरल बाढ़ः पानी घटने के बाद स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां, एस्टर डीएम हेल्थकेयर से जुड़े स्वयंसेवक दिन-रात बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं

नर्इ दिल्ली। भारी बरसात और भूस्खलन की वजह से केरल में आई बाढ़ से लाखों लोग बेघर हुए हैं वहीं 350 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस स्थिति से लड़ने के लिए केरल में युद्ध स्तर पर बचाव कार्य चल रहा है। एस्टर डीएम हैल्थकेयर से जुड़े वॉलियन्टर्स भी इस राहत कार्य में ज़ोरों से जुड़े हैं। एस्टर वॉलियन्टर्स केरल के दूरदराज़ इलाकों में मेडिकल चैकप कैंप लगा रहे हैं और साथ ही लोगों के बीच कपड़े, कंबल, खाना, स्वच्छ पानी बांट रहे हैं। एस्टर आपदा साहयता संगठन में ऐस्टर डीएम हेल्थकेयर हॉस्पिटल्स की ओर से 300 से ज़्यादा मेडिकल और नॉन-मेडिकल वॉलियन्टर्स हैं। ये वॉलियन्टर्स फिलहाल वायनाड, एर्णाकुलम, कालीकट और मल्लापुरम इलाकों में लोकल गवर्नमेंट्स के साथ जुड़कर मेडिकल कैंप्स के ज़रिए दिन-रात स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।


डॉ आज़ाद मूपन, फाउंडर चैयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर – एस्टर डीएम हेल्थकेयर ने कहा “भीष्ण बाढ़ की वजह से त्रास्दी के इस दुर्भाग्यपूर्ण मौके पर बाढ़ पीड़ितों की समय रहते स्वास्थ्य संबंधी मदद करने के लिए मैं वॉलियन्टर्स संगठन का आभार व्यक्त करता हूं। मुझे गर्व है कि एस्टर वॉलियन्टर्स ने दृढ़ इरादों और निस्वार्थ भाव के साथ बाढ़ पीड़ितों की मदद की। इस भयानक बाढ़ से उबरने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में केरल सरकार ने हज़ारों वॉलियन्टर्स, सेना के जवानों, अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर अदभुद राहत कार्य को अंजाम दिया है।"


“हालाकि शुरुआती तौर पर पीड़ितों को ज़रूरी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई गई हैं, जब्कि असल चुनौती अभी बाकी है। फिलहाल हमारे सामने तेज़ी से फैलने वाली बीमारियों और संक्रमण पर रोकथाम लगाने की चुनौती बाकी है। वहीं दूषित पानी की वजह से हैज़ा, टाइफॉयड, और हैपाटायटेस जैसी बीमारियों का बड़े स्तर पर फैलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे मौके पर इन बीमारियों को रोकने और बीमार लोगों तक सही इलाज पहुंचाने के लिए एस्टर वॉलियन्टर्स मज़बूत इरादों के साथ काम पर लगे हैं। मैं गुज़ारिश करता हूं कि स्वयं सेवक लोकल अथॉरिटीज़ के साथ मिलकर काम करें और ज़रूरत के मुताबिक तुरंत सहायता उपलब्ध कराएं। इसके अलावा मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने की ज़िम्मेदारी आईएमए की संस्था ईमेज ने उठाई है। सरकार बीमारियों की रोकथाम के लिए भारी मात्रा में टीके उपलब्ध करा रही है। गुज़ारिश है कि त्रास्दी के बाद एक और आपदा से बचने के लिए दिन-रात राहत कार्य में जुटे रहें।“


टाइम्स नेटवर्क ने बाढ़ से त्रस्त केरल के लिए ‘इंडिया फॉर केरल’ नाम से फंड रेज़िंग अभियान शुरू किया
केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए टाइम्स नेटवर्क ने ‘इंडिया फॉर केरला’ नाम से फंड रेज़िंग एवं जागरुकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान के ज़रिए टाइम्स नेटवर्क ने राहत कार्यों के लिए पूरे देश को एक साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की है। इस पहल के ज़रिए उत्तर भारतीय राज्य केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों की सीधी मदद की जाएगी। लगातार जारी बाढ़ ने केरल मे तबाही मचा रखी है, जिसके चलते जहां कई लोगों की जान गई है, वहीं सरकारी एवं निजी संपत्ती का भारी नुकसान हुआ है। इस पहल के ज़रिए बाढ़ से पीड़ित केरल के लोगों की ज़िंदगी दोबारा पटरी पर लाने का अटल कोशिश की जाएगी। चेक के ज़रिए फंड डोनेट कर इस मुहिम का हिस्सा बना जा सकता है। इसके लिए आपकों “Times Foundation” to Times Foundation, 10, Daryaganj, New Delhi – 110002 के फेवर में चैक देना होगा या फिर आप NEFT/RTGS भी कर सकते हैं। जमा की गई राशि केरल मुख्यमंत्री राहत कोष को डोनेट की जाएगी। डोनेशन से संबंधित जानकारी www.timesnownews.com/IndiaForKerala पर परप्त की सकती है।


स्टर वॉलियन्टर्स की सलाह है कि बाढ़ का प्रकोप कत्म होने के बाद निम्नलिखित सावधानियों का ख्याल रखें -
1. पानी के पूरी तरह से सूखने के बाद की घर वापसी करें
2. जमीन में दबे बीजली उपकरणों को न चलाएं। इससे शॉर्ट सर्किट, आग और बीजली के झटके का खरता हो सकता है
3. पीने के पानी की क्वालिटी से समझौता न करें, तलाबों और कुओं का पानी न पिएं
4. बाढ़ के पानी से गीले अनाज के इस्तेमाल से बचें। यदि कोई और उपाय न हो तो इसे ज़्यादा देर तक पकाएं
5. बुज़ुर्ग लोग खासकर डायबीटीज़ की बीमारी से पीड़ित लोग ज़्यादा से ज़्यादा घर पर रहें और गंदे पानी से बचे।
6. तेज़ बुखार, उल्टी-दस्त, खांसी, पीलिया, स्किन इन्फेक्शन आदि जैसी बीमारियों को मामूली न समझें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
स्वयं सेवकों, स्वास्थ्य अधिकारियों और ड़क्टरों का सहयोग करें। अपनी समस्याओं का खुलकर खुलासा करें ताकि बेहतर से बेहतर हल खोजा जा सके।