
भारत द्वारा डेटा लोकलाइजेशन पर बोले फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग, कहा - डेटा संग्रह की मांग जोखिमपूर्ण
नई दिल्ली। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ( Mark Zuckerberg ) ने कहा है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर संग्रहित ( data localization ) करने की भारत की मांग समझी जा सकती है, लेकिन यदि एक देश के लिए ऐसा किया गया तो अधिनायकवादी देशों की ओर से भी इसकी मांग की जा सकती है। उनका कहना है कि ऐसे देश अपने नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं।
डेटा लोकलाइजेशन को लेकर महत्वपूर्ण है मंशा
इतिहासकार व लेखक युवल नोआ हरारी से शुक्रवार को बातचीत में जुकरबर्ग ने कहा कि स्थानीय रूप से डेटा संग्रह के पीछे का जो मकसद व इरादा है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जुकरबर्ग ने एक सवाल के जवाब में कहा, "मुझे लगता है कि मंशा महत्व रखती है और निस्संदेह हममें से कोई भी भारत को अधिनायकवादी देश नहीं मानता है।" उनसे पूछा गया था कि क्यों भारतीय नागरिकों का डेटा अमरीका में संग्रहित करना सुरक्षित है और भारत में नहीं, जबकि वे खुलेआम कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ अपनी चिंता है।
आरबीआई ने दिया था निर्देश
फेसबुक के सीईओ ने कहा, "डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा रुख खतरे को लेकर है, क्योंकि अगर किसी बड़े देश में हमें ब्लॉक किया जाता है तो इससे हमारे समुदाय और हमारे कारोबार पर असर पड़ेगा। लेकिन डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा सिद्धांत नया नहीं है, बल्कि इसको लेकर हमेशा खतरा रहा है।" भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) के दिशानिर्देश के अनुसार, गूगल पे, व्हाट्सएप व अन्य जैसे सभी डिजिटल भुगतान कंपनियों को अपने कारोबार के लिए डेटा का संग्रह अवश्य स्थानीय रूप से करना चाहिए।
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Updated on:
28 Apr 2019 08:13 am
Published on:
28 Apr 2019 07:59 am
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