21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

युवाओं के लिए बड़ी खबर, दरवाजे पर खटखटा रही हैं 2.5 करोड़ नौकरियां

रिटेल सेक्टर में 2030 तक 2.5 करोड़ नए रोजगार सृजित होने की संभावना अगले 10 सालों में 125 अरब डॉलर के रिटेल एक्सपोट्र्स को दिया जाएगा बढ़ावा

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Mar 09, 2021

jobs (Symbolic photo)

jobs (Symbolic photo)

नई दिल्ली। भारतीय खुदरा क्षेत्र (रिटेल सेक्टर) में 2030 तक 2.5 करोड़ नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। यह ऑफलाइन और ऑनलाइन मॉडल के साथ कुल खुदरा रोजगार के लगभग 50 प्रतिशत के बराबर होगा। नैसकॉम की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है। प्रमुख प्रबंधन और कंसल्टिंग फर्म टेक्नोपैक के साथ नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन प्लस ऑफलाइन मॉडल अगले 10 सालों में 125 अरब डॉलर के रिटेल एक्सपोट्र्स और 8 अरब डॉलर की इंक्रीमेंटल जीएसटी कंट्रीब्यूशन को बढ़ावा देगा।

यह भी पढ़ेंः-इस साल फलो के राजा आम से नहीं रहेगा कोई महरूम, जानिए कितना हो सकता सस्ता

इकोनॉमी को देगा बूस्टर
खुदरा 4.0 घरेलू बाजार के आकार, रोजगार सृजन और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। बदलती मांग और सप्लाई ड्राइवर्स के विकास की गति को तेज करने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का खुदरा बाजार वित्तीय वर्ष 2030 तक 1.5 खरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बयान में कहा कि खुदरा क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दोहरे अंकों के योगदान और वित्त वर्ष 2020 में लगभग 3.5 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार देने के साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए विकास इंजनों में से एक है। कांत ने अपने बयान में कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है, जो न केवल खुदरा व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाली नीतियों को भी सरल बनाएगी।

यह भी पढ़ेंः-बैंकिंग शेयरों में तेजी के दम पर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 51 हजार के करीब

2030 तक 125 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात
ऑफलाइन प्लस ऑनलाइन मॉडल 2030 तक 125 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात और कुल खुदरा कर योगदान के 37 प्रतिशत के लिए लगभग 8 अरब डॉलर जीएसटी अंशदान जीएसटी योगदान के लिए सक्षम करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ई-कॉमर्स पारंपरिक ब्रिक एंड मोर्टल से तीन-चार गुना बढ़ रहा है। 360 से अधिक खुदरा हितधारकों के सर्वेक्षण के अनुसार, 79 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि प्रौद्योगिकी देश में खुदरा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।