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NCLAT ने ILFS को दिया निर्देश, छोटे लेनदारों को कम से कम 80 फीसदी का करें भुगतान

मंगलवार की सुनवाई में कहा कि आईएलएंडएफएस को छोटे लेनदारों के बकाए का भुगतान कर देना चाहिए। भुगतान कुछ इस तरीके से करना चाहिए कि कम से कम 80 फीसदी बकाए की रकम इन लेनदारों को मिल सके। आईएलएंडएफएस ने हजारीबाग रांची एक्सप्रेसवे, झारखंड रोड प्रोजेक्ट इंप्लेमेंटेशन कंपनी, मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेसवे और वेस्ट गुजरात एक्सप्रेसवे के विवरण दाखिल किए।

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ILFS crisis

NCLAT ने ILFS को दिया निर्देश, छोटे लेनदारों को कम से कम 80 फीसदी का करें भुगतान

नई दिल्ली।भविष्य निधि और पेंशन फंड सहित छोटे लेनदारों को देय राशि के पुनर्भुगतान पर जोर देते हुए, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ( एनसीएलएटी ) ने मंगलवार की सुनवाई में कहा कि आईएलएंडएफएस को छोटे लेनदारों के बकाए का भुगतान कर देना चाहिए और इस तरीके से करना चाहिए कि कम से कम 80 फीसदी बकाए की रकम का भुगतान हो जाए।


आईएलएंडएफएस ने चार अम्बर कंपनियों के विवरण चार्ट पेश किए

आईएलएंडएफएस ने जब चार 'अम्बर' कंपनियों के विवरण के साथ एक चार्ट प्रस्तुत किया, तो ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसएस मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की पीठ ने सरकार से बाकी 9 'अम्बर' कंपनियों के विवरण प्रदान करने के लिए कहा। आईएलएंडएफएस ने जिन कंपनियों के विवरण दाखिल किए, उसमें हजारीबाग रांची एक्सप्रेसवे, झारखंड रोड प्रोजेक्ट इंप्लेमेंटेशन कंपनी, मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेसवे और वेस्ट गुजरात एक्सप्रेसवे शामिल हैं।


वित्तीय स्थिति के आधार पर कंपनियों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया

समाधान योजना के तहत सरकार ने आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों को उनकी वित्तीय स्थितियों के मुताबिक हरा, अंबर और लाल श्रेणी में बांटा है। जो कंपनियां 'हरा' श्रेणी में हैं, वे अपनी वित्तीय देनदारियों को पूरा करने में सक्षम हैं, जबकि 'अंबर' कंपनियां केवल परिचालन भुगतान दायित्वों को पूरा करने में ही सक्षम हैं। वहीं 'लाल' श्रेणी की कंपनियां अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में पूरी तरह से अक्षम है। ट्रिब्यूनल की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।

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