
नई दिल्ली।रियल एस्टेट कंपनियों ( real estate sector ) के प्रमुख संगठन क्रेडाई की एनसीआर इकाई ने कहा कि 2,500 करोड़ रुपये की मदद से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सकारात्मक नेटवर्थ वाली अटकी पड़ी ज्यादातर आवासीय परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है। इससे करीब 50,000 घर खरीदारों को लाभ मिलेगा।
1600 परियोजनाओं के लिए सरकार देगी फंड
केंद्र सरकार ने बुधवार को 1,600 अटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिये 25,000 करोड़ रुपये का वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) बनाने की घोषणा की थी। एनपीए घोषित की जा चुकी परियोजनाएं और दिवाला कार्रवाई के तहत चल रही परियोजनाओं को भी इस कोष से धन उपलब्ध कराया जा सकता है।
क्रेडाई के अधिकारियों ने दी जानकारी
क्रेडाई के अधिकारियों तथा बिल्डरों मनोज गौड़, प्रशांत सोलमन और रोहित राज मोदी ने अपने एसोसिएशन की इस मांग को दोहराया कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में भेजी जाने वाली किसी भी परियोजना को रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के पास भेजने के बाद ही अनुमति दी जानी चाहिए। इसमें भी कम से कम 66 प्रतिशत से अधिक घर खरीदारों का समर्थन होना चाहिए।
पूरा करने के लिए चाहिए ज्यादा रुपये
गौड़ ने संवाददाताओं से कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में क्रेडाई से जुड़ी करीब 100 परियोजनाएं दबाव वाली हैं। उन्होंने कहा कि ये दबाव वाली परियोजनाएं ऐसी हैं जो डूबा कर्ज नहीं बनी हैं, लेकिन बैंक उनको पूरा करने के लिए कर्ज नहीं दे रहे हैं। वहीं ऐसी परियोजनाओं के बिल्डर स्थानीय प्राधिकरणों का बकाया नहीं चुका पा रहे हैं।
गौड़ ने दी जानकारी
गौड़ ने कहा कि इनमें पुरानी और मौजूदा जारी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि औसतन ऐसी प्रत्येक परियोजना में 250 से 300 इकाइयां हैं। कई ऐसी छोटी परियोजनाएं हैं जिनके डेवलपर्स के पास कोष जुटाने के अलग अलग स्रोत उपलब्ध नहीं है। गौड़ ने कहा कि सरकार की इस घोषणा से क्षेत्र के 50,000 से 60,000 घर खरीदारों को फायदा मिल सकता है।
Updated on:
08 Nov 2019 12:05 pm
Published on:
08 Nov 2019 12:04 pm
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