
Narendra modi
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रही मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है। पिछले 6 महीनों में देश के 22 लाख युवाओं को नौकरी मिली है। खैर यह बात अलग है कि पीएम मोदी ने अपने चुनावी भाषणों 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। जो डाटा सामने आया है वो करीब 10 फीसदी ही है। आंकड़ों की मानें तो पिछले 6 महीनों (फरवरी तक) के दौरान करीब 22 लाख नई संगठित नौकरियां तैयार हुई हैं। ये आंकड़ा भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की ओर से जारी हुआ है।
ईपीएफओ में हुए 18.5 लाख रजिस्टर्ड
ईपीएफओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर से फरवरी तक कुल 31 लाख लोगों ने ईपीएफ में खाता खोला है। जिनमें से 18 से 25 साल की उम्र के 18.5 लाख युवा है। जानकारों की मानें तो 18 से 25 साल की उम्र वालों को अलग कर दें और सिर्फ इससे ज्यादा उम्र वालों के फंड से जुड़ने को देखा जाए, तो इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था का काफी हिस्सा धीरे-धीरे संगठित होता जा रहा है।
एनपीएस से जुड़े 3.50 लाख
वहीं नेशनल पेंशन सिस्टम द्वारा जारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 6 महीनों के दौरान केंद्रीय और सरकारी क्षेत्र से 3 लाख 50 हजार लोगों ने नए अकाउंट खुलवाएं हैं। ईपीएफ और एनपीएस के डाटा को जोड़ दिया जाए तो कुल नए रोजगार की संख्या 22 लाख के पास पहुंच रही है। ईपीएफओ और एनपीएस की तरफ से जारी यह डाटा मोदी सरकार के लिए काफी राहत देने वाला साबित होगा।
ईएसआई ने भी जारी किए आंकड़े
एनपीएस और ईपीएफओ के अलावा इम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने भी बुधवार को पेरोल के आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि इस डाटा की फिर से जांच हो सकती है। क्योंकि आधार से लिंक डाटा नहीं है। इस डाटा में सामने आया है कि 18 से 25 साल की उम्र के 8,30,000 नए लोग जुड़े हैं। अगर इस डाटा को भी शामिल किया जाए, तो देश में कुल नये रोजगार का आंकड़ा 30 लाख के पार पहुंच सकता है।
Published on:
26 Apr 2018 07:41 pm
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