
Previous AGR payment not yet, may increase arrears on companies
नई दिल्ली। भले ही सरकार और टेलीकॉम डिपार्टमेंट अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की रिकवरी के लिए कंपनियों की बैंक गारंटी को भुनाने से इनकार कर रही हों, लेकिन डिपार्टमेंट की ओर से टेलीकॉम कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाने का काम लगातार चारी है। डिपार्टमेंट ने अब बीते दो और वित्तीय वर्षों का एजीआर कैल्कुलेशन शुरू कर दिया है। सरकार की ओर से तक वित्तीय वर्ष 2017 तक के बकाए की डिमांड कर रही थी। अब विभाग ने 2018 और 2019 वित्तीय वर्ष के एजीआर की गणना शुरू कर दी है। जिसके मौजूदा बकाए में 40 फीसदी और ज्यादा बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है।
40 फीसदी तक हो सकता है एजीआर बकाए में इजाफा
टेलीकॉम कंपनियों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। एजीआर बकाए में 40 फीसदी की बढऩे के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। वास्तव में लाइसेंस फीस, इंटरेस्ट और पेनल्टी के तौर पर 92,642 करोड़ रुपए एजीआर के रूप में चुकाने हैं, जो वित्तीय वर्ष 2017 तक का है। वैसे इस वर्ष जनवरी तक का स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज 70,869 करोड़ रुपए का बकाया है। जानकारों की मानें तों 2017 के बाद के वित्तीय वर्षों का इंटरेस्ट और पेनल्टी सहित बकाया राशि का आकलन किया जा रहा है। एक अनुमान के अनुसासर 2019 तक के नए कैलकुलेशन से एजीआर के बकाए की रकम में 40 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। इस कानूनी मामले में विवाद और बढऩे की संभावना बढ़ गई है।
किस कंपनी ने दिया कितना रुपया
जानकारी के अनुयार वोडाफोन आईडिया ने 56,709.49 करोड़ रुपए में से 2,500 करोड़ रुपए का सोमवार को चुकाए हैं और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपए और देने को कहा था। वहीं एयरटेल की ओर से कुल 39,723.93 करोड़ रुपए के बकाए में से 10,000 करोड़ रुपए चुकाए हैं और बाकी रकम का आंकलन कर रही है। जब टाटा की ओर से 14,819.03 करोड़ रुपए में से 2,197 करोड़ रुपए चुकाए हैं। जिसके बाद कंपनी का कहना है कि यह कंपनी के अनुसार पूरा और अंतिम भुगतान है। वहीं दूसरी ओर भारती एयरटेल के शुरुआती कैलकुलेशन में बकाया रकम 15,000-18,000 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया के सेल्फ असेसमेंट में 23,000 करोड़ रुपए ही थी। बता दें कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने अपनी बकाया रकम समयसीमा के अंदर चुका दी है।
Updated on:
20 Feb 2020 03:45 pm
Published on:
20 Feb 2020 03:33 pm
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