
Railway Earnings from Tickets
नई दिल्ली। कई बार ऐसा देखा गया है कि आपने कही जाने के लिए ट्रेन का टिकट कटा लिया लेकिन समय की कमी या किसी ओर कारणवश आपने अपना टिकट कैंसिल नही कराया। लेकिन क्या आप जानते हैं आपके ऐसा न करने से भारतीय रेल को एक दो करोड़ नही बल्कि पूरे 9,000 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। दरअसल एक आरटीआई के सवाल के जवाब में सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने यह जानकारी दी है।
3 साल में हुआ फायदा
सूचना के अधिरकार कानून के तहत जानकारी देते हुए यह बताया गया कि रेलवे ने यह कमाई एक जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2020 के बीच की है। यानी 3 साल में रेलवे मे यह कमाई की है। इस अवधि के दौरान साढ़े नौ करोड़ यात्रियों ने प्रतीक्षा सूची वाली टिकटों को रद्द नहीं कराया। इससे रेलवे को 4,335 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
कन्फर्म टिकटों से मिले 4,684 करोड़ रुपये
रेलवे की इस कमाई में सबसे बड़ा योगदान कन्फर्म टिकटों का रहा। आकड़ों के मुताबिक इसी अवधि में रेलवे ने कन्फर्म टिकटों को रद्द न कराने से 4,684 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। इन दोनों मामलों में सर्वाधिक कमाई स्लीपर श्रेणी के टिकटों से हुई। उसके बाद तीसरी श्रेणी के वातनुकूलित (थर्ड एसी) टिकटों का स्थान रहा। क्रिस ने अपने जवाब में यह भी कहा कि इंटरनेट और काउंटरों पर जाकर टिकट खरीदने वाले लोगों की संख्या में भी काफी अंतर है।
ऑनलाइन टिकटों की बिक्री ज्यादा
रेल टिकट खरीदने के मामले में अब लोग ऑनलाइन को ज्यादा तव्वजो दे रहे हैं। क्योंकि इसी आरटीआई के जवाब में पाया गया कि 3 साल की अवधि में 145 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टिकट जबकि 74 करोड़ लोगों ने रेलवे काउंटरों पर जाकर टिकट खरीदे। समाजिक कार्यकर्ता स्वामी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि भारतीय रेलवे की आरक्षण नीति भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन और काउंटर रिजर्वेशन को लेकर नीतियों के अंतर के कारण यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय और मानसिक बोझ है। याचिका में इसे समाप्त करने और यात्रियों को राहत देने तथा अनुचित तरीके से आय सृजन पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह किया गया है
Updated on:
26 Feb 2020 02:59 pm
Published on:
26 Feb 2020 02:58 pm
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