
Real estate
नई दिल्ली। साल 2019 भारतीय अर्थव्यवस्था में खासा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वैश्विक स्तर पर विभिन्न बाजारों के कमजोर रहने का असर देश की आर्थिक वृद्धि पर देखने को मिला। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सितंबर तिमाही में गिरकर छह साल के निचले स्तर पर आ गई। इसका नकारात्मक असर रियल एस्टेट सेक्टर पर देखने को मिला है। लेकिन, 2020 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बेहतरीन साल होने वाला है। सरकार की ओर से 25 हजार करोड़ रुपये का स्ट्रेस फंड, बैंकों द्वारा सस्ता औैर आसान कर्ज की उपलब्धता से मांग बढ़नी तय है। वहीं, आम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ने की भी उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा जिससे प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी । मांग बढ़ने से सुरक्षित निवेश का गारंटी वाला यह सेक्टर निवेशकों को फिर से आकर्षित करेगा। पत्रिका से खास बातचीत में अंतरिक्ष ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि कैसे आने वाला समय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहतर होने वाला है।
रियल एस्टेट में लौटेगा भरोसा
रियल एस्टेट सेक्टर का बुरा दौर लगभग खत्म हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के दौरान भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश बढ़कर 46,170 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। यह इस बात का संकेत है कि रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों का भरोसा फिर से बहाल हो रहा है। रेरा और जीएसटी के आने से इस सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ी है। वहीं, रुके प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए सरकार की ओर से भी कई तरह की रियायतें दी गई है। इसका भी असर इस साल प्रॉपर्टी बाजार पर देखने को मिलेगा। नए प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं होने से अनसोल्ड इनवेंट्री का बोझ भी कम हुआ है। इससे प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी। इसके चलते निवेशकों के लिए यह सेक्टर एक बार फिर से गुलजार होगा। लंबी अवधि के निवेश पर शानदार रिटर्न मिलना अब तय है।
अंडर कंस्ट्रक्शन की बढ़ेगी मांग
रेरा के आने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ी है। इससे यह फायदा हुआ है कि बाजार में अच्छे डेवलपर्स ही रह गए हैं। सरकार भी उन डेवलपर्स को कई तरह की साहायता उपलब्ध करा रही है। मेरा मानना है कि इससे अच्छे प्रोजेक्ट में रुके हुए प्रोजेक्ट का काम तेजी से पूरा होगा। इससे अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट की मांग बढ़ेगी। हालांकि, यह सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट में देखने को मिलेगा जिसकी साख अच्छी होगी। अच्छे डेवलपर्स के प्रोजेक्ट में ही अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी। बजट के बाद रियल एस्टेट बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी।
सस्ते घरों का बोलबाला बना रहेगा
सरकार सस्ते घरों की कमी को पूरा करने के लिए कई पहल कर रही है। इसके तहत जीएसटी में टैक्स छूट से लेकर होम लोन पर मिल रही सब्सिडी शामिल हैं। डेवलपर्स को भी अफोर्डेबल प्रोजेक्ट लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका असर 2020 में भी देखने को मिलेगा। सस्ते घरों की मांग मेट्रो शहरों के अलावे टियर टू और थ्री शहरों में बनी रहेगी।
दिल्ली-एनसीआर में कीमतें बढ़ेंगी
दिल्ली-एनसीआर के नए घर और फ्लैट की खरीदारी लोग को पसंद आ रही है। इसकी वजह से घरों की बिक्री 2019 में छह फीसदी बढ़कर 46 हजार 920 हो गई। यह ट्रेंड इस साल और तेज होगा। वहीं दूसरी ओर नए प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं होने से बाजार में अच्छी प्रॉपर्टी की कमी होगी। यह कीमत बढ़ाने का काम करेगा। एनसीआर में शामिल नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली, गाजियाबद और फरीदाबाद को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। इसी वजह दूसरे महानगरों के मुकाबले प्रॉपर्टी की कीमत, अच्छी कनेक्टिविटी और बेहतर लोकेशन है। सब-मार्केट की बात करें तो नोएडा का बाजार सबसे हॉट रहेगा। यहां वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और वाजिब कीमत पर घर की उपलब्ध्ता सबसे बड़ी वजह होगी।
संकट का दौर खत्म, अब तेजी
रियल एस्टेट सेक्टर में संकट का दौर अब खत्म हो गया है रियल्टी बाजार सुस्ती और तेजी के एक पूरे साइकल में चलता है। साल 2012 तक बाजार में जबरदस्त तेजी थी और उसके बाद सुस्ती आ गई। इसकी वजह रही मांग से अधिक सप्लाई। इससे बाजार में अनसोल्ड इनवेंट्री बढ़ गई और मंदी आ गई।
Updated on:
29 Dec 2019 02:10 pm
Published on:
29 Dec 2019 02:09 pm
बड़ी खबरें
View Allउद्योग जगत
कारोबार
ट्रेंडिंग
