23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

TCS पर फिर लगे भेदभाव के आरोप, तीन अमरीकी नागरिकों ने दर्ज कराया केस

एक बार फिर देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस पर भेदभाव के आरोप लग रहे हैं।

2 min read
Google source verification
tcs

TCS पर फिर लगे भेदभाव के आरोप, तीन अमरीकी नागरिकों ने दर्ज कराया केस

नई दिल्ली। एक बार फिर देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस पर भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। दरअसल अमरीका के तीन नागरिकों ने नस्ल और राष्ट्रीय मूल को लेकर भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए टीसीएस पर मुकदमा दायर किया है। इतना ही नहीं इन नागरिकों ने कंपनी से मुआवजो की भी मांग की है।

टीसीएस पर लगे भेदभाव के आरोप
न्यूजर्सी के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में टीसीएस के खिलाफ डेरिल स्टेसी, डॉनल्ड स्टीफन ब्रैडली और हेशाम हाफिज ने मामला दायर किया है। स्टेसी और ब्रैडली सदर्न कैलिफोर्निया एडिसन, जबकि हाफिज कनेक्टिकट में रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में जॉब करते हैं। इन नागरिकों ने टीसीएस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि कंपनी अमरीका के लोगों को जॉब देना पंसद नहीं करती है। टीसीएस वीजा पर कर्मचारियों को लाना पसंद करती है। उनका कहना यह भी है कि टीसीएस भारतीयों और दक्षिण एशिया के लोगों को ही अहमियत देती है।

टीसीएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कंपनी पर भेदभाव के आरोप लग रहे हो, इससे पहले भी कई बार कंपनी पर भेदभाव के आरोप लग चुके हैं। टीसीएस पहले ही दक्षिण कैलिफोर्निया एडिसन के कर्मचारियों की ओर से नियुक्ति में भेदभाव से संबंधित एक कानूनी मामले का सामना कर रही है। इस बार टीसीएस के खिलाफ की गई शिकायत में तीनों अमरीकी नागरिकों कहा है की नॉर्थ अमरीका के टीसीएस के प्रेजिडेंट सूर्यकांत और वाइस प्रेजिडेंट और ह्यूमन रिसोर्सेज के हेड नरसिम्हन श्रीनिवासन ने अमेरिका में कंपनी में पोस्ट्स को भरने के लिए टीसीएस के दक्षिण एशिया के ऐसे कर्मचारियों का इस्तेमाल किया जिनके पास वीजा मौजूद था।

टीसीएस को चुकानी पड़ सकती है बड़ी रकम
टीसीएस पर लगे भेदभाव को लेकर टीसीएस के एक प्रवक्ता का कहना है की ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं और कंपनी को अपना पक्ष सफलता से रखेगी।प्रवक्ता का यह भी कहना है कि टीसीएस सबको समान अवसर देने वाली कंपनी है। कंपनी रिक्रूटमेंट, प्रमोशन और अनुशासन सहित रोजगार से संबंधित फैसले बिना भेदभाव के लेती है। बता दें की इन्फोसिस और एचसीएल टेक्नॉलजीज भी भेदभाव को लेकर अमरीकी नागरिकों की ओर से दायर कानूनी मामलों का सामना कर रही हैं। अक्सर इस तरह के मामलों में कंपनी को बड़ी रकम चुकानी पड़ती हैं।