अनिल कुमार उइके, किसान प्राकृतिक आपदा है। अचानक बारिश तेज शुरू हो गई तो मिट्टी बह गई। अब बारिश रुकने के बाद मिट्टी को हटा दिया जाएगा।
देव राज, साइड इंचार्ज ठेका कंपनी
फोरलेन के बनने से उन किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है जिनके खेत फोरलेन के दोनों ओर है। किसानों का कहना है कि खेतों में आने जाने के लिए फिलहाल सरकारी गुहा है लेकिन फोरलेन बनने के बाद कैसे आना जाना करेंगे दूसरी समस्या पानी का बहाव रुक जाएगा जिससे खेतों में पानी जमा होने लगेगा। घाटली के किसान सचिन मेहतो का कहना है कि फोरलेन में बीच-बीच में अंडरब्रिज बनाया जाना चाहिए जिससे किसानों के खेतों में पानी जमा नहीं हो और आने-जाने का रास्ता भी रहे।
बैतूल से इटारसी और इटारसी से औबेदुल्लागंज के बीच दो अलग-अलग ठेका कंपनियों को फोरलेन बनाने का काम कर रही है। फोरलेन बनने के बाद बैतूल से औबेदुल्लागंज की दूरी मात्र १२० किलोमीटर बचेगी जो अभी करीब १६० किलोमीटर है। फिलहाल इटारसी से बैतूल के बीच रोड से सफर करीब ४ घंटे का है। फोरलेन बनने के बाद इस दूरी को तय करने में ज्यादा से ज्यादा ढाई घंटे का समय लगेगा।
– इटारसी से बैतूल के मध्य जितेंद्र सिंह एंड कंपनी द्वारा काम किया जाएगा। इटारसी से बैतूल के मध्य कुल ७३.९५५ किलोमीटर की सड़क के लिए ६३३.३२ रुपए लागत आ रही है वहीं दूसरे हिस्से में औबेदुल्लागंज से इटारसी के बीच कुल ४६ किलोमीटर फोरलेन बनाया जाना है। यहां लांजियन कंपनी का ठेका है। इटारसी से औबेदुल्लागंज के बीच फोरलेन निर्माण की लागत ६८७.८२ लाख रुपए में आएगी।