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19 साल से बंद है चौंसठ योगिनी मंदिर का एक दरवाजा

क्षेत्रीय लोगों ने भेड़ाघाट स्थित इस मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए की मांग

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जबलपुर। विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के द्वार सूर्यास्त के बाद भी खोले जाने और परिसर में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की मांग उठ रही है। इस ऐतिहासिक मंदिर का एक ओर का दरबाजा 19 साल से बंद है। व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे लोगों ने इस दरबाजे को भी खुलवाए जाने की मांग की है। क्षेत्रीय लोगों ने मंदिर की मौजूदा व्यवस्था को पर्यटकों के लिए अनुकूल न मानते हुए पुरातत्व विभाग के संरक्षक सहायक को मांग पत्र प्रेषित किया है। भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल के नाम पर सौंपे गए पत्र में मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी चिंता जताई है।
लोगों की मांग है कि मंदिर की व्यवस्थाओं को पर्यटन के लिहाज से बेहतर बनाया जाए। अभी मंदिर में सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रवेश मिलता है। संगमरमरी वादियों में भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र के साथ ही श्रृद्धालुओं के लिए यह प्रमुख तपस्या स्थली है। मंदिर में शाम के बाद प्रवेश बंद कर दिए जाने से बाहर से आने वाले कई पर्यटक यहां दर्शन से वंचित हो जाते हैं। मंदिर को रात 10 बजे तक खोलने की मांग की गई है।
बंद द्वार भी खोला जाए
सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया कि मंदिर की बाउंड्रीवॉल की ऊंचाई बढ़ाकर उसमें कटीली तार की फेंसिंग कराई जाए। खराब स्ट्रीट लाइट बदली जाए।
परिसर में रोशनी के लिए हाइमास्ट की व्यवस्था हो। पर्यटकों के लिहाज से परिसर के चारों ओर पौधरोपण एवं व्यवस्थित बगीचा बने। श्रृद्धालुओं और दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ का निर्माण किया जाए।
लगभग 19 वर्ष से बंद मंदिर के पूर्वी द्वार को दर्शन के लिए खोला जाए। पेयजल सहित अन्य व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए। भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण हो।
इस सम्बंध में भेड़ाघाट नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि प्राचीन चौसठ योगिनी मंदिर के प्रति श्रृद्धालुओं में आस्था और पर्यटकों के आकर्षक का केंद्र है। यहां पर्यटकों के लिए लिहाज से सुविधाएं नहीं हैं। मंदिर के खुलने का समय बढ़ाने के साथ ही परिसर की सुरक्षा और विकास के लिए ज्ञापन सौंपा गया है।