
Jabalpur High Court
जबलपुर. स्टेट नीट आयुष काउंसिलिंग-2019 में सरकारी कॉलेजों में मप्र के मूल निवासी विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा। आयुष कॉलेजों में प्रवेश के लिए फिलहाल दूसरे दौर की काउंसिलिंग जारी है, इसमें सरकारी कॉलेजों के आयुष पाठ्यक्रमों की सीटें मप्र के मूल निवासी उम्मीदवारों से भरी जाएंगी। बाहरी छात्र-छात्राओं के प्रवेश के लिए सरकार ने प्राइवेट आयुष कॉलेज के रास्ते खोल रखे हैं। प्राइवेट कॉलेज की पचास फीसदी सीटों में मेरिट के आधार पर दूसरे प्रदेश के विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकेंगे। यह सीटें आरक्षित वर्ग की सीटों के प्रावधान के बाद शेष सीटें होंगी। छात्र-छात्राओं पर राज्य सरकार की ओर से निर्धारित मूल निवासी पात्रता संबंधी प्रावधान लागू होंगे। काउंसिलिंग के जरिए होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी और नैचरोपैथी के स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्र-छात्राएं प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे।
शहर में एक सरकारी कॉलेज
स्टेट नीट आयुष काउंसिलिंग से प्रदेश के 35 आयुष कॉलेजों में प्रवेश दिए जा रहे हैं। इसमें 9 सरकारी और 26 प्राइवेट कॉलेज हैं। इन कॉलेजों को वर्तमान सत्र के लिए संबंधित उच्च संस्थाओं ने मान्यता प्रदान की है। शहर के तीन आयुष कॉलेजों को सत्र 2019-20 के लिए मान्यता प्राप्त हुई है। इसमें एक ही सरकारी आयुष कॉलेज(ग्वारीघाट स्थित आयुर्वेद महाविद्यालय) है। बाकी दो प्राइवेट कॉलेज है। ये दोनों कॉलेज होम्योपैथी पाठ्यक्रम का संचालन करते हैं।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय के अनुसार सरकारी कॉलेजों में स्थानीय विद्यार्थियों को प्रवेश की अनिवार्यता से फायदा होगा। उन्हें कम शुल्क जमा करके पढ़ाई करने का बेहतर अवसर मिलेगा। सरकार को आयुष चिकित्सकों के लिए अच्छे वेतनमान के साथ रोजगार उपलब्ध कराने के भी प्रयास करने चाहिए।
Published on:
21 Sept 2019 12:58 am
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