scriptartical 370, 35A : धारा 370 खत्म, मोदी सरकार के फैसले पर अलगाववादी, यहां देशवासियों ने मनाया जश्न- देखें वीडियो | article 370 removed in jammu kashmir, modi government big decision | Patrika News

artical 370, 35A : धारा 370 खत्म, मोदी सरकार के फैसले पर अलगाववादी, यहां देशवासियों ने मनाया जश्न- देखें वीडियो

locationजबलपुरPublished: Aug 05, 2019 01:46:33 pm

Submitted by:

Lalit kostha

केन्द्र सरकार ने 17 अक्टूबर, 1949 को इस आर्टिकल को भारतीय संविधान का हिस्सा बना दिया

article 370

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जबलपुर। धरती की जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद और आतंकवाद पर मोदी सरकार 0.2 ने जोरदार प्रहार करते हुए धारा 370 को खत्म करने का निर्णय लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा और राज्यसभा में विधिवत इसकी घोषणा की। अमित शाह के इस बयान के बाद से ही देशभक्त और देशवासियों ने मोदी सरकार के इस कदम की जमकर सराहना की। लोगों ने कहा कि देश में आतंकवाद का रास्ता जम्मू कश्मीर से होकर ही गुजरता है। इस रास्ते को बंद करने में धारा 370 ही सबसे बड़ी बाधा रही, जिसे हटाकर मोदी सरकार ने देशवासियों का दिल जीत लिया है।

इसी कड़ी में जबलपुर में एक विजय जश्न मनाया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं समेत अन्य नागरिक भी इस जश्न में शामिल हुए और भारत माता के जयकारे लगाए। भाजपा के वरिष्ठ नेता कमलेश अग्रलवाल ने बताया कि धारा 370 हटाने से जहां देश में आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी गई है, वहीं धरती के स्वर्ग को नई संजीवनी भी मिली है। भाजयुमो नगर अध्यक्ष रंजीत पटेल ने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि जो वोट उन्होंने मोदी सरकार बनाने में दिया था, उसका फल मिल गया है। जय सचदेवा ने मिठाई बांटकर लोगों को खुशियां मनाने के लिए कहा।
कृषि उपज मंडी के पास पवन तिवारी, अमन कुमार, मनीष विश्वकर्मा आदि ने तिरंगा यात्रा निकालकर लोगों को बधाई दी।

 

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जानिए क्या है आर्टिकल 370 –
आजाद भारत में जब रियासतों को शामिल किया जा रहा था तब जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसको लेकर सभी में संशय था। तक तत्कालीन जम्मू कश्मीर सरकार ने स्वयं ही इसका मसौदा तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए जिसे वर्तमान में आर्टिकल 370 कहा जाता है को स्वीकार कर लिया।
तत्कालीन केन्द्र सरकार ने 17 अक्टूबर, 1949 को इस आर्टिकल को भारतीय संविधान का हिस्सा बना दिया। उल्लेखनीय है कि संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था। जानकारों के अनुसार इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया की शर्तों के अनुसार, आर्टिकल 370 में यह उल्लेख किया गया कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा अन्य किसी विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही, जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दे दी गई थी। जिसका फायदा उठाकर अलगाववादियों ने इस स्वर्ग को नर्क बना दिया।

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क्या है धारा 370
– अनुच्छेद 370 को संविधान के 21वें अध्याय में अस्थायी तौर पर शामिल किया गया
– जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार किया था
– फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया
– इस आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर में रक्षा, विदेश मामले और संचार मामले के केंद्रीय कानून ही लागू होते हैं

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