कोरोना काल में नया सीखने को मिला
ऑल इंडिया ब्यूटी एंड हेयर एसोसिएशन जबलपुर प्रेसिडेंट रितु राय का कहना है कि कोरोना काल के दौरान मेकअप की नई टेक्निक सीखने को मिली है। इसमें जीरो टच फेशियल, नेक से थ्रेडिंग बनाना और अन्य ब्यूटी ट्रीटमेंट खास हैं। यह दौर भी जीवन भर याद रहेगा। क्योंकि पीपीई किट पहनकर कस्टमर्स को अटैंड करना मुश्किलों भरा होता है। क्लाइंट्स को पहले सैनिटाइज करना और फिर पार्लर्स में एंट्री दी जा रही है।
खुद के लिए भी चैलेंज
ब्यूटीशियन एंड स्किन थेरेपिस्ट आराधना चौहान कहती हैं कि लोगों के अनुसार खरा उतरना एक सबसे बड़ी चुनौती है। खासतौर पर कोरोना काल के दौरान सबसे बड़ी चुनौती लोगों की सुरक्षा की है। इसमें यह देखना होता है कि क्लाइंट्स की डिमांड के अनुसार हम कितने बेस्ट साबित हो पाते हैं।
पार्लर्स नहीं, ब्यूटी सेंटर
शहर में अब ब्यूटीशियन का रोल जिस तरह से बदल रहा है, उसी तरह से उनका वर्क भी यूनीक हो चुका है। देश के नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर होने वाले आयोजनों में भी उनकी धमक दिखाई दे रही है। जहां वे मेकअप, हेयरस्टाइल और ब्यूटी ट्रीटमेंट करके मेडल्स और अवॉर्ड भी जीत रहीं हैं। इसके चलते अब शहर में खूबसूरती संवारने के लिए पार्लर्स शब्द ब्यूटी सेंटर में तब्दील हो चुका है।
चार साल में भारी बदलाव
ब्यूटी एंड मेकअप के क्षेत्र में पिछले तीन सालों में ही कई तरह के परिवर्तन आए हैं। हाई डेफिनेशन, एयरब्रश जैसे मेकअप के साथ हाइ फैशन, न्यूड, इंडोवेस्टर्न ब्राइड मेकअप तक की जर्नी खास रही है। इसके साथ ही सेलिब्रेटीज लुक मेकअप भी एक तरह का बड़ा बदलाव मेकअप एंड ब्यूटी
फील्ड में है।
पहले खुद अपडेट होते हैं
सिटी ब्यूटीशियंस का कहना है कि अब शहर में भी अच्छा लुक मिल रहा है। यह बदलाव पिछले तीन से चार सालों के बीच देखने को मिला है। अभी एयरब्रश मेकअप तकनीक सबसे न्यू है। जो कि अब शहर में आसानी से होने लगी है। पहले इस तरह के खास काम के लिए लोग शहर के बाहर की ब्यूटीशियन को बुलवाया करते थे, लेकिन अब लोगों की डिमांड के अनुसार ही शहर में इस तरह का मेकअप दिया जा रहा है।