
जबलपुर. भेड़ाघाट और लहेटाघाट की खूबसूरती निहारने के लिए देश और दुनिया के पर्यटक आएंगे। इन दोनों स्थ्ल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होेंगे। इसके प्रयास फिर से शुरू हुए हैं। मप्र टूरिज्म बोर्ड ने इस दिशा में प्रयास तेज किए हैं। नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लहेटाघाट डोजियर की समीक्षा के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआई) ने परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। गुरुवार को भोपाल के एमपीटी के पलाश रेजीडेंसी में आयोजित कार्यशाला में पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव व टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल कराने की कोशिश है।
डायनासोर के मिले थे जीवाश्म
वैज्ञानिकों के अनुसार भेड़ाघाट-लमेटाघाट क्षेत्र की चट्टान करोड़ों साल पुरानी हैं। इस क्षेत्र में डायनासोर के जीवाश्म भी मिले थे। इसे प्राकृतिक श्रेणी में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में पहले ही शामिल किया गया है। शुक्ला का कहना था कि यूनेस्को की अस्थायी सूची में 11 और स्थायी सूची में 3 स्थल हैं।
ये हुए शामिल
कार्यशाला में पीसीसीएफ व फॉरेस्ट फोर्स के प्रमुख असीम श्रीवास्तव, पीसीसीएफ (वन्यजीव) शुभरंजन सेन, अतिरिक्त प्रबंध संचालक पर्यटन बिदिशा मुखर्जी, उप महानिदेशक एएसआई शुभरुचि सरकार, डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिक डॉ. गौतम तालुकदार, जीएसआई, वन विभा के अधिकारी व प्रतिनिधि शामिल थे।
Published on:
19 Jul 2024 01:26 pm
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