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जबलपुर। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए इस बार नए बदलाव दिख रहे हैं। पंजीयन का रिकॉर्ड टूट गया है। जिले के 57 हजार किसान सरकारी खरीदी में शामिल होना चाहते हैं। बड़ी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में बोवनी के रकबे में 1900 और पंजीकृत रकबे में 1600 हेक्टेयर की कमी आई है।
जिले में 29 मार्च से गेहूं की खरीदी हो रही है। यह 15 मई तक चलेगी। शासन ने दो बार इसकी तिथि बदली है। इसका फर्क यह आया कि ज्यादा संख्या में किसानों ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन कराया है। यह गत वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, रकबे में 1.37 प्रतिशत की कमी आई है। इसी हिसाब से खरीदी केंद्रों का निर्धारण किया जा रहा है। इस बार 138 केंद्रों पर खरीदी होगी।
किसानों का होगा सत्यापन
किसानों के पंजीयन का सत्यापन शुरू हो गया है। एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसमें किसानों का भू अभिलेख दस्तावेजों में दर्ज नाम, भूमि स्वामी के रकबे का मिलान राजस्व रिकॉर्ड ओर बोई गई फसल का मौके पर जाकर सत्यापन भी देखा जाएगा। यदि किसान सिकमी, बंटाईदार है, तो उसकी पुष्टि वास्तविक भू स्वामी की ओर से की जाएगी। सत्यापन के बाद ही किसान स्लॉट बुक कर सकेंगे।
उत्पादन ज्यादा, बिक्री थी कम
जिला प्रशासन के अनुसार पिछले वर्ष 49736 किसानों ने गेहूं का पंजीयन कराया था। इस बार यह संख्या 56,818 है। गत वर्ष पंजीकृत किसानों का उत्पादन 4 लाख 62 मीट्रिक टन था, लेकिन उसमें तीन लाख 6 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। प्रशासन ने इस साल नौ मार्च तक हुए पंजीयन के हिसाब से पंजीकृत किसानों का अनुमानित उत्पादन 4 लाख 9 हजार मीट्रिक टन बताया है। खरीदी 4 लाख 55 हजार मीट्रिक टन होने की उम्मीद है।
Published on:
18 Mar 2024 06:49 pm
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