कभी चिमनी और लालटेन थी सहारा और अब है खुशियों का उजाला
जबलपुरPublished: Apr 13, 2019 07:50:45 pm
बदल गई तस्वीर


Chimney and lanterns were Sahara
जबलपुर, महज कुछ सालों पहले तक इन गांवो के लोग बिजली के लिए तरसते थे। कभी चिमनी और लालटने यहां के लिए सहारा हुआ करती थी। जब चाहे बिजली चले जाना। कभी कोई बड़ा फॉल्ट हो गया, तो वह कब सुधरेगा, इसका भी पता नहीं होता था। लेकिन जब से ये गांव सिटी सर्किल में शामिल हुए, तो इनकी तकदीर और तस्वीर दोनों बदल गई। यहां अब २४ घंटे बिजली की सप्लाई है। पिछले कुछ समय में यहां पूरा का पूरा नया स्ट्रक्चर खड़ा किया गया। जिसके बाद अब उपभोक्ता बिजली की समस्या से दूर हैं।
५५ गांव १६ हजार मीटर
नगर निगम सीमा में शामिल ५५ गांवों में कुल १६ हजार विद्युत मीटर हैं। जब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इन गांवो को देहात सर्किल से हटाकर सिटी सर्किल में लाया, तो यहां सबसे पहले लाइनें डालने का काम शुरू किया गया। जिसके बाद पूरे के पूरे गांव के एक-एक मीटरों को बदलने का काम शुरू किया गया। समय लगा, लेकिन अब पूरे गांव में नए मीटर हैं।
ट्रांसफार्मर लगाए, लोड बढ़ाया
पहले गांव का लोड कम हुआ करता था, लेकिन यहां नए ट्रांसफार्मर इंस्टॉल किए गए। नई लाइनों के साथ केबलीकरण किया गया। गांव के उपयोग के अनुरुप ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाया गया। जिस कारण अब यहां बिजली की समस्या नहीं होती है।
वर्जन
- नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद पूरे के पूरे ५५ गांवों में नई केबल डाली गई और ट्रांसफार्मर लगाए गए। वहीं सभी उपभोक्ताओं के यहां नए मीटर भी लगाए गए हैं।
आइके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल, मप्रपूक्षेविविकं
सिटी सर्किल में शामिल हुए:- ०५ साल पहले
इसके पहले शामिल थे:- देहात सर्किल में
कुल शामिल हुए गांव:- ५५
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ये खड़ा किया नया स्ट्रक्चर
२९०-ट्रांसफार्मर
११६ किमी- नई एलटी लाइन डाली गई
७७ किमी- पुरानी कंडक्टर लाइन की एलटी केबलिंग की
१६ हजार- मीटर बदले
४० किमी- ३३ केवी लाइन डाली
९५ किमी- ११ केवी लाइन