सितंबर के पहले पखवाड़े में प्रतिदिन औसतन 200 कोरोना संक्रमित मिलने से कोविड पॉजिटिव रेट में उछाल आया। मार्च में कोरोना की दस्तक के बाद से छह माह में पॉजिटिविटी रेट अब तक के अपने सर्वोच्च स्तर पर है। लगातार संक्रमण के फैलाव के बावजूद आम लोग सुरक्षा उपाय में लापरवाही बरत रहे है। सडक़ों पर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के घूमने वालों पर सख्ती ढीली पडऩे बेपरहवाह लोगों की सडक़ और बाजार में भीड़ उमड़ रही है। इस बीच कुछ लोगों ने हालत की गम्भीरता को समझते हुए स्थानीय बाजार और कॉलोनियों में स्वस्फूर्त लॉकडाउन जैसा लगाया हुआ है।
विशेषज्ञ भी मान रहे है कि कोरोना की चेन तोडऩा आवश्यक हो गया है। उसके बिना संक्रमण को बेकाबू होने से रोका नहीं जा सकेगा। प्रशासनिक कमान बदलने के बाद अगस्त माह में पहले के मुकाबले करीब दोगुने नमूने लिए जाने के बाद प्रतिदिन मिल रहे संक्रमित भी बढकऱ दोगुना हो गए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस माह सैम्पलिंग आधी कर दिया। इसके बावजूद कोरोना संक्रमित पहले की औसत के अनुसार मिल रहे हैं। घरों में संदिग्ध के नमूने लेना बंद करने से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टेस्ंिटग भी कम हुई है। इसके बावजूद पॉजिटिव केस ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि कोरोना संक्रमण की चेन नहीं टूट रही है।
असावधानी से बढ़ रहा संक्रमण
सूत्रों के अनुसार शहर में कोरोना के साथ वायरल बुखार के मरीज भी तेजी से बढ़े हैं। बुखार के मरीजों में कोरोना संदिग्ध लक्षण हैं। जांच के लिए आने वाले मरीजों में संदिग्ध लक्षण मिलने पर उन्हें एहतियातन क्वारंटीन किया जा रहा है। इससे बचने के लिए कई मरीज मर्ज छिपा रहे है। प्राइवेट डॉक्टर और अस्पतालों में फोन पर दवा की जानकारी लेकर कोविड जांच से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इनके संक्रमित होने और सम्पर्क में आने वाले भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। नमूना देकर भी लोगों का घरों से बाहर निकलना जारी है। इससे भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
तेजी से स्वस्थ हो रहे मरीज
कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच रिकवरी रेट में सुधार भी आया है। होम आइसोलेट पॉजिटिव के स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार आया है। कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीज भी स्वस्थ हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में पहले के मुकाबले एक दिन में दोगुने मरीजों के डिस्चार्ज होने से रिकवरी रेट बेहतर हुआ है। यह वर्तमान में 80.79 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
विशेषज्ञ कहते हैं
यह पेंडेमिक है। कोरोना से जंग को प्रिवेंशन के लेवल पर आसानी से जीता जा सकता है। वायरस का चेन ब्रेक करना जरूरी है। इसके लिए बिहेवरियल चेंज लाना होगा। मास्क लगाना, दो गज की दूरी और सेनेटाइजेशन की आदत बनाना होगा। जागरुकता और सावधानी से संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
– डॉ. जितेंद्र भार्गव, प्रोफेसर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज
कोरोना से बचाव के लिए सभी को सुरक्षा के उपाय करना होगा। सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में समस्या या अन्य संदिग्ध लक्षण होने पर तुरंत जांच कराएं। जांच में देरी से अन्य लोग संक्रमित हो रहे हैं। समय पर अस्पताल पहुंचने पर गम्भीर कोरोना संक्रमित भी स्वस्थ हो रहे हैं।
– डॉ. संजय भारती, कोविड आइसोलेशन इंचार्ज, एनएससीबीएमसी
कई बुजुर्ग इसलिए संक्रमित हो रहे हैं क्योंकि उनके परिवार के अन्य सदस्य बेफिक्र होकर बाहर घूम रहे हैं। लोगों के अनावश्यक घूमने-फिरने, भीड़ में जाने और सावधान नहीं रहने से वायरस का ट्रांसमिशन बढ़ रहा है।
– डॉ. संजय मिश्रा, नोडल अधिकारी, कोविड-19