scriptऐसा भी कहीं होता है कि चौथी मंजिल से कोई कूद जाए और उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आए? | CRPF jawan dies under suspicious circumstances in Delhi | Patrika News

ऐसा भी कहीं होता है कि चौथी मंजिल से कोई कूद जाए और उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आए?

locationजबलपुरPublished: Aug 02, 2020 09:49:29 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर निवासी सीआरपीएफ जवान की दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

ऐसा भी कहीं होता है कि चौथी मंजिल से कोई कूद जाए और उसके शरीर पर खरोंच तक नहीं आए?

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जबलपुर। कोई परिवार सवाल कर रहा है कि यह कैसे सम्भव है कि सीआरपीएफ का एक जवान मकान की चौथी मंजिल से कूद जाए। उसकी जान चली जाए। लेकिन, शरीर पर खरोंच का निशान तक नहीं मिले? लेकिन, पुलिस तो यही कह रही है कि जवान ने चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की। दिल्ली के रोहणी क्षेत्र स्थित सीआरपीएफ परिसर में जबलपुर निवासी 32 वर्षीय जवान मुकेश गौर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सीआरपीएफ की तरफ से परिजन को पहली सूचना खुद को गोली मारने की दी गई। इसके बाद बताया गया कि मुकेश ने चौथी मंजिल से छलांग लगा ली थी। पिता, पत्नी व भाई वहां पहुंचे, तो कलाई कटने के अलावा शरीर में खरोंच तक नहीं थी। परिजन का कहना है कि मुकेश की हत्या की गई है।

जबलपुर के रामपुर सिद्धनाथ निवासी मुकेश गौर की पत्नी अर्चना के मुताबिक 26 जुलाई को पति से बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि किसी पंजाब सिंह नाम के अधिकारी से विवाद हो गया था। फिर बात हुई तो कहा कि अब सब ठीक हो गया है। इसके बाद मोबाइल बंद हो गया। 27 जुलाई को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कॉल कर बताया कि मुकेश ने खुद को गोली मार ली है। फिर बताया कि चौथी मंजिल से गिर गए हैं। पत्नी अर्चना, पिता शिवचरण और भाई संजू दिल्ली पहुंचे। परिजन का दावा है कि सीआरपीएफ वालों ने पुलिस को खबर नहीं दी थी। उनके वहां पहुंचने पर स्थानीय थाने को सूचना दी गई। तब जाकर शव पीएम के लिए मिला। पत्नी अर्चना के मुताबिक उनके हाथ में कागज का टुकड़ा मिला, जिसमें सात लोगों के नाम लिखे थे। उसे पुलिस ने जब्त किया है।
रूम पाटर्नर गायब
परिजन का कहना है कि मुकेश गौर के साथ रूम पाटर्नर को भी अधिकारियों ने वहां से गायब कर दिया। उससे बातचीत नहीं करने दी गई। शुक्रवार को परिवार के लोग जवान का शव लेकर दिल्ली से फ्लाइट से भोपाल और वहां से सड़क मार्ग से जबलपुर लाए। जवान का अंतिम संस्कार कर चुके परिवार के लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की गुहार लगाई है। मुकेश की दो बहनें हैं। पिता शिवचरण गौर एफसीआई रामपुर के पास चाय की दुकान लगाते हैं। उनकी छह वर्षीय बेटी व चार वर्ष का बेटा है। रक्षाबंधन से पहले भाई की मौत से बहनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

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