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अस्पताल में प्रसव, दवाएं खरीदनी पड़ रहीं बाहर से 

हाल-ए-मेडिकल अस्पताल : प्रसूताओं को नहीं मिल रहा योजना का लाभ

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sudarshan@123 kumar

Jan 08, 2017

Medical stors

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जबलपुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जननी सुरक्षा योजना का लाभ महिलाओं को नहीं मिल रहा है। यहां प्रसव के बाद जच्चा व बच्चा को मेडिकल के दवा काउंटर से दवाइयां नहीं दी जा रही हैं। मजबूरन परिजनों को निजी मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदना पड़ता है। गरीबी की सीमा रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं के परिजन एक माह की दवा भी नहीं खरीद पा रहे हैं।

केस-1
दमोह जिले के हटा निवासी मालती बाई को 28 दिसंबर को मेडिकल में भर्ती कराया गया। सीजेरियन से उसने दूसरी बेटी को जन्म दिया। 7 जनवरी को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टर द्वारा डिस्चार्ज कार्ड पर लिखी गई 90 दिन की दवाइयां मेडिकल से नहीं मिली। परिजनों ने मेडिकल स्टोर से 1200 रुपए में दवा खरीदी।

केस-2
बरगी मोहास निवासी रजनी झारिया ने सीजेरियन से दूसरी बेटी को जन्म दिया। 28 दिसंबर को उसे मेडिकल में भर्ती कराया गया था। 7 जनवरी को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज कार्ड पर लिखी गई 90 दिनों की दवाएं मेडिकल से नहीं मिलने पर परिजनों ने 600 रुपए में एक महीने की दवा बाहर से खरीदी।

ये है प्रावधान
प्रदेश शासन ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने तथा मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना शुरू की है, इसके तहत गर्भवती महिलाओं को आवश्यक जांच तथा नि:शुल्क दवाइयां देने का प्रावधान है। मेडिकल में भर्ती रहने तक प्रसूता को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन डिस्चार्ज कार्ड पर लिखी दवाइयां परिजनों को बाहर से खरीदना पड़ता है।

नहीं मिली एम्बुलेंस
जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर ले जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया है। बरगी मोहास निवासी रजनी झारिया को भर्ती व डिस्चार्ज होते समय एम्बुलेंस नहीं मिली। परिजन उसे ऑटो से घर ले गए।

मेडिकल अस्पताल में भर्ती महिलाओं को नि:शुल्क प्रसव सुविधा दी जा रही है। डिस्चार्ज होने के बाद मेडिकल से दवाइयां उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। इसलिए परिजनों को बाहर से दवाइयां खरीदना पड़ रहा होगा।
डॉ. राजेश तिवारी, अधीक्षक, मेडिकल कालेज अस्पताल

प्रसव के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाली महिलाओं को औषधियों की सुविधा दी जानी चाहिए। डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली दवाइयां अस्पतालों को उपलब्ध कराई गई हैं। यदि दवाइयां देने में लापरवाही हो रही है तो कार्रवाई होगी।
डॉ. एमएम अग्रवाल, सीएमएचओ

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