जबलपुर। गर्भवती महिला की धड़कन बार-बार बढ़ती हो तो डॉक्टर का परामर्श लेना आवश्यक है। यह खतरनाक एकलेम्सिया बीमारी का लक्षण है। इसमें गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के 42 दिन तक झटका आता है। यह बीमारी मौत का कारण बन सकती है। मेडिकल कॉलेज के गायनिक विभाग में हुई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं।
मेडिकल छात्रा डॉ. तनु सोनी ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रियदर्शिनी तिवारी के मार्गदर्शन में रिसर्च किया। मार्च 2015 से अगस्त 2016 के बीच वेंटिलेटर पर भर्ती 73 महिलाओं पर रिसर्च किया गया। इस दौरान 33 की जान बची। आईसीयू में महिलाओं में भर्ती होने का प्रमुख कारण एकलेम्सिया और सीवियर प्री एकलेम्सिया है। एकलेम्सिया की चपेट में आने वाली महिलाओं की औसत आयु 24 वर्ष है, जिनमें 57.5 प्रतिशत महिलाओं की पहली डिलेवरी थी।
गर्भावस्था में नहीं हुई थी जांच
आईसीयू में जाने वाली 97.3 प्रतिशत महिलाओं की गर्भावस्था में कोई जांच नहीं हुई थी। जबलपुर व महाकौशल क्षेत्र के जिलों से गम्भीर अवस्था में इन्हें मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया था। सिर्फ 2.7 प्रतिशत महिलाओं की ही जांच पहले से हुई थी। डीन डॉ. रूपलेखा चौहान का कहना है कि गम्भीर महिला जल्द हॉस्पिटल पहुंच जाए तो जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।
एकलेम्सिया के लक्षण
झटका आने से मौत, ब्रेन हैमरेज, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में पानी भरना, शरीर में खून जमना बंद हो जाना, ज्यादा खून बहना।