इस बीच जिले में फेल्सीफेरम मलेरिया के बढ़ते आकड़ों ने विभाग के होश उड़ा दिए हैं। कुंडम, पनागर, शहपुरा के जिन क्षेत्रों में फेल्सीफेरम मलेरिया के मरीज मिले हैं, उन क्षेत्रों में एेसे जलस्रोत चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां मछलियां छोड़ी जाएंगी। डॉक्टरों के अनुसार फेल्सीफेरम मलेरिया में मरीज कोमा में चला जाता है। ये जानलेवा बीमारी मानी जाती है। 2015 में कम बारिश हुई थी और 83 लोग फेल्सीफेरम मलेरिया की चपेट में आए थे। इस बार मरीजों का आकड़ा 59 पहुंच गया है।