फैक्ट्री में टाटा और अशोक लीलैंड कंपनी के साथ हुए ट्रांसफर ऑफ टेक्नालॉजी के आधार पर एलपीटीए और स्टालियन सैन्य वाहन तैयार किए जाते हैं। इनका उत्पादन कई वर्षों से किया जा रहा है। अभी इस वाहन को सामान्य वाहनों की तरह तैयार किया जाता है। इसे फुल लोड बॉडी कहा जाता है। अब सेना ने अपनी जरूरत के लिए फ्लेट बेड वाहन मांगे हैं। इसमें पीछे का भाग खुला रहता है। ट्राला की तरह इसकी बॉडी तैयार की जाएगी। उसमें चेचिस के साथ छांव के लिए तिरपाल लगाने का ढांचा बनाया जाता है।
कंटेनर रखकर कई तरह के उपयोग
फ्लेट बेड स्टालियन वाहन का उपयोग सेना कंटेनर रखकर कई प्रकार से कर सकती है। सीमाओं पर ऐसे कई स्थान हैं जहां बंकर बनाना या सैनिकों को ठहरने के लिए अस्थाई ठिकाना बनाना आसान नहीं होता। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में फ्लेट बेड वाहन उपयोगी साबित हो सकते हैं। जानकारों ने बताया कि इसमें कंटेनर रखकर उसका उपयोग अलग-अलग कामों में किया जा सकता है। सैन्य अधिकारियों का कार्यालय या सैनिकों के आराम करने के लिए डोरमेट्री तैयार करने के साथ हथियार ले जा सकते हैं।
बड़ा काम का होता है वाटर बाउजर
रक्षा कंपनी आर्मर्ड वीकल निगम लिमिटेड की इकाई वीएफजे को दो साल के बाद दो किलोलीटर वाटर बाउजर के उत्पादन का ऑर्डर मिला है। यह वाहन सेना की पीने के पानी की जरुरतों को पूरा करता है। इसकी खासियत यह है कि बर्फीले क्षेत्र में यह पानी के तापमान को सामान्य रखता है। वहीं रेगिस्तान या गर्म क्षेत्रों में उसे ठंडा रखता है। इसलिए सैनिकों को पीने की पानी के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती। सेना ने फैक्ट्री को एक साथ 735 वाटर बाउजर का ऑर्डर दिया है। फैक्ट्री को दो साल बाद 2 किलोलीटर वॉटर बाउजर बनाने का काम भी मिला है। इन दोनों वाहनों से फैक्ट्री को 350 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा।
जल्द ही शुरू किया जाएगा
सेना की तरफ से पहली बार फ्लेट बेड स्टालियन सैन्य वाहन का ऑर्डर मिला है। अभी फुल लोडेड बॉडी वाहन तैयार किया जाता है। इसका उत्पादन जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसी प्रकार वॉटर बाउजर भी बनाए जाएंगे।
– रामेश्वर मीणा, संयुक्त महाप्रबंधक एवं पीआरओ वीएफजे