देश भर में 1894 का प्रिजऩ एक्ट और मप्र. की जेलों में 1968 में बने जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों का ड्रेस निर्धारित है। जिसमें कैदियों को सफेद कुर्ता-पैजामा व एक टोपी दी जाती है। वहीं ठंड में हाफ जैकेट पहनने को दिया जाता है। जबकि, बिस्तर के तौर पर 12 वर्गफीट घेरे की दरी, चादर, कम्बल दिया जाता है। ठंड में बंदियों को काफी परेशानी होती है।
जेल अधीक्षक ताम्रकार भी कमेटी के सदस्य
एडीजी जेल सुधीर कुमार शाही की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय टीम में जबलपुर ज़ोन के प्रभारी डीआईजी एवं सेंट्रल जेल के अधीक्षक गोपाल ताम्रकार भी शामिल हैं। ये कमेटी देश के अलग-अलग राज्यों में लागू ड्रेस कोड व बिस्तर आदि के बारे में जानकारी जुटा रही है। जेलर, कैदियों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
कैदियों का जीवन स्तर सुधारने की कोशिश
जेल में कैदियों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य को देखते हुए ये कदम उठाए जा रहे हैं। अभी प्रदेश में बड़ी संख्या में जेल में कैदियों के बीमार व मौत की खबरें आती रहती हैं। इसकी एक बड़ी वजह जेल के अंदर का रहन-सहन भी बताया जाता है।
कैदियों को जेल में बेहतर सुविधा देने के मकसद से जेल मैनुअल में कुछ बदलाव किए जाने की कवायद चल रही है। इसमें कैदियों के ड्रेस कोड व बिस्तर के लिए डीजी जेल द्वारा पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
– गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक, जबलपुर