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मध्यप्रदेश में यहां सबसे ज्यादा होती है बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग, दुनियाभर से आते हैं लोग

locationजबलपुरPublished: Apr 18, 2019 01:26:52 am

Submitted by:

abhishek dixit

विश्व विरासत दिवस : राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से अटका है प्रस्ताव

Bhedaghat

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जबलपुर. धवल संगमरमरी चट्टानों के बीच प्रचंड वेग से प्रवाहित नर्मदा नदी का धुआंधार जलप्रपात दुनियाभर के पर्यटकों को नि:शब्द कर देता है। स्वर्गद्वारी में संगमरमरी वादियों की खूबसूरती बालीवुड के निर्माताओं और कलाकारों को भी खूब लुभाती है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। बंदरकूदनी के समीप प्रवाहित नर्मदा के अप्रतिम सौंदर्य के सामने पर्यटकों को ताजमहल भी फीका नजर आता है। गोलकीमठ विश्वविद्यालय के तांत्रिक साधना केंद्र चौसठयोगिनी मंदिर में आज भी दुनियाभर से साधक पहुंचते हैं। लम्हेटाघाट की करोड़ों साल पुरानी चट्टानें जियोलॉजिकल अनुसंधान का विषय बनी हुई हैं। विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट को वल्र्ड हेरिटेज का दर्जा दिलाने के लिए नौ साल पहले प्रयास शुरू हुआ, लेकिन राजनीतिक स्तर पर प्रयासों में कमी से भेड़ाघाट हेरिटेज साइट में शामिल नहीं हो सका। ‘पत्रिका’ ने धुआंधार में पर्यटकों से बात की तो सभी ने एक स्वर में कहा- ‘भेड़ाघाट को उसका हक मिलना चाहिए।

यूनेस्कों ने प्रतीक्षा सूची में डाला प्रस्ताव
इंटक के प्रस्ताव पर यूनेस्को की टीम ने प्रस्ताव पर प्रस्तुति देने के लिए कहा था। इस दिशा में प्रयास शुरू हुए। ‘भेड़ाघाट प्रकृति की स्वप्न धरा में प्रवेशÓ पुस्तक प्रकाशित की गई। दिल्ली में दस सदस्यीय टीम के सामने स्लाइड शो हुआ। उन्हें बताया गया, धवल संगमरमरी चट्टानों के बीच स्थित धुआंघार जलप्रपात विश्व में एकलौता है। प्रस्ताव को यूनेस्को की टीम ने स्वीकृति दे दी थी। टीम चाहती थी कि विशेषज्ञों की टीम इसका परीक्षण करे। इसलिए उस समय भेड़ाघाट के हेरिटेज साइट में शामिल करने के प्रस्ताव को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया।

जारी है इंटक का प्रयास
जियो हेरिटेज साइट को लेकर इंटक की टीम नेशनल सेमिनार का आयोजन कर चुकी है। भेड़ाघाट, चौसठ योगिनी मंदिर, डायनासोर के अंडे वाले सीता पहाड़ जीसीएफ के पठारी क्षेत्र, बैलेंसिंग रॉक, करोड़ों साल पुरानी लम्हेटी रॉक्स को वल्र्ड हेरिटेज में शामिल कराने के लिए देशभर से विशेषज्ञों ने शिरकत की। 10 पेज का अनुशंसा पत्र भी तैयार किया गया। इसमें जबलपुर में देश का पहला जियो पार्क स्थापित करने की अनुशंसा भी शामिल है।

वल्र्ड हैरिटेज में शामिल होने से ये होंगे लाभ
– यूनेस्को स्वयं करेगा देखभाल
– प्रचार-प्रसार के लिए अलग से मिलेगा फंड
– विदेशी पर्यटकों की संख्या बढऩे से पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा
– जबलपुर की ख्याति बढऩे से विकास की राह खुलेगी

धुआंधार सहित भेड़ाघाट, लम्हेटाघाट को वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने के लिए वर्ष 2009 में इंटक, पुरातत्व विभाग की टीम और प्रशासन की ओर से प्रयास किए गए। लेकिन, यूनेस्को की टीम ने प्रस्ताव को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया। स्वीकृति के लिए राजनीतिक स्तर पर गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता है।
डॉ. आरके शर्मा, सदस्य, इंटक

संगमरमरी वादियों का पूरा क्षेत्र वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल होने की सभी अहर्ताएं पूरी करता है। इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
राजकुमार गुप्ता, इतिहासकार, सदस्य जिला पुरातत्व संघ

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