इस मामले में बदमाशों के एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों और अफसरों के भी बयान दर्ज किए गए थे। जांच का निष्कर्ष पुलिस के दावे की पुष्टि के रूप में निकला। शहर में माना जाता था कि विजय यादव ने अपने खौफ के दम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी पर लोगों को काबिज कराया। वहीं, कई लोगों को सिर्फ धमका कर बेचने पर मजबूर कर दिया था। विजय और उसके साथी समीर पर 15 हजार का इनाम था। दोनों चार जनवरी 2017 की रात 10 बजे पारिजात बिल्डिंग के सामने कुम्भारे हेल्थ क्लब के पास कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और हिस्ट्रीशीटर कक्कू पंजाबी की हत्या के आरोपी थे। नरसिंहपुर पुलिस की मुठभेड़ में मारे जाने से विजय यादव के 15 साल के आपराधिक कृत्यों और उसकी मदद करने वाले/शह देने वालों के राज भी दफन हो गए।
विजय यादव व समीर का भले ही एनकाउंटर हो गया, लेकिन इस दोहरे हत्याकांड में आरोपी बने गोरखपुर निवासी विनय उर्फ बिन्नू विश्वकर्मा, नटबाबा की गली दीक्षितपुरा निवासी आदेश सोनी अब भी फरार हैं। दोनों की गिरफ्तारी पर 15-15 हजार का इनाम घोषित है। जबलपुर आईजी भगवत सिंह चौहान ने बताया कि नरसिंहपुर एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है। इसकी रिपोर्ट गृहविभाग को भेजी जा चुकी है।