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तथ्य छिपाकर दायर की याचिका, हाईकोर्ट ने की निरस्त

सम्बद्धता शुल्क वसूली से जुड़ा मामला  

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जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश राज मोहन सिंह की एकलपीठ ने स्वशासी कॉलेज से संबद्धता शुल्क वसूली के मामले में माता गुजरी कॉलेज द्वारा तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट की सख्ती के चलते याचिकाकर्ता कॉलेज की ओर से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया गया। एकलपीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए उसे निरस्त कर दी।माता गुजरी महिला महाविद्यालय के डॉ. कमलेश तिवारी और गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटी के सचिव जितेन्द्र सिंह सैनी की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उनका कॉलेज एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्था है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियमन के अनुसार स्वायत्त कॉलेज को हर साल संबद्धता शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। नियमानुसार केवल एक बार ही संबद्धता शुल्क का भुगतान करना जरूरी है।

वहीं विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता श्रेयस पंडित और विशाल बघेल ने आपत्ति प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया कि माता गुजरी कॉलेज द्वारा पूर्व में भी इस मामले को लेकर एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के समक्ष भी कॉलेज ने याचिका वापस ले ली थी। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता कॉलेज ने वर्तमान याचिका में पूर्व में याचिका वापस लेने का तथ्य छिपाया है। एकलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए भारी जुर्माना लगाने की हिदायत दी।