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अब 3 साल से अधिक एक जगह नहीं रह सकेंगे जज, 1 जनवरी से लागू तबादला नीति

हाईकोर्ट ने जारी की तबादला नीति, जिला अदालतों में कार्यरत जज एक स्थान पर तीन साल से अधिक पदस्थ नहीं रह पाएंगे।

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praveen chaturvadi

Dec 31, 2016

High Court

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राहुल मिश्रा@जबलपुर। जिला अदालतों में कार्यरत जज एक स्थान पर तीन साल से अधिक पदस्थ नहीं रह पाएंगे। हर तीन साल बाद इनका दूसरे जोन में तबादला कर दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने राज्य की जिला अदालतों में कार्यरत न्यायाधीशों व हाईकोर्ट की तीनों खंडपीठों में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों (ज्यूडीशियल ऑफीसर्स) के लिए रोटेशन वाली स्थानांतरण नीति 2016 जारी कर दी है। यह नीति एक जनवरी से लागू कर दी जाएगी।

अब हर न्यायाधीश को एक जोन में कम से कम दो सामान्य कार्यकाल तक काम करना ही होगा। नीति में प्रावधान किया गया है कि प्रतिनियुक्ति या एक्स-कैडर सेवा पर दूसरे विभागों में तैनात न्यायिक अधिकारियों को तीन साल के बाद कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। विदेश विभाग के अनुरोध व मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति के अनुमोदन के बाद ही अधिकतम एक साल के लिए इस तरह का एक्सटेंशन दिया जा सकेगा। तबादले की प्रक्रिया हर साल जनवरी से शुरू होकर मार्च में समाप्त हो जाएगी।

इनमें मिलेगी छूट
कुछ विशेष मामलों में नीति को शिथिल किए जाने के प्रावधान भी किए गए हैं। जिन न्यायिक अधिकारियों के पुत्र-पुत्री बोर्ड या विश्वविद्यालयीन अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो रहे हों, जिनके बच्चों, जीवनसाथी, बुजुर्ग माता-पिता का स्वास्थ्य गंभीर रूप से खराब हो, नीति के मुताबिक उन्हें चीफ जस्टिस की अनुमति पर एक साल के लिए छूट दी जा सकेगी। पति-पत्नी को एक ही स्थान पर पदस्थ करने पर नीति मंे जोर दिया गया है।

जमे रहना होगा मुश्किल
नीति के प्रावधानों के तहत न्यायिक अधिकारियों व न्यायाधीशों के लिए तबादले की रोटेशन प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके मुताबिक हर न्यायिक अधिकारी को एक जगह तीन साल पूरा होने पर स्वयं दो जोनों का विकल्प प्रस्तुत करना होगा। इससे इन अधिकारियों का एक ही जगह अधिक समय तक जमे रहना मुश्किल हो जाएगा।

राज्य को पांच जोन में बांटा
तबादला नीति 2016 में राज्य को 5 न्यायिक जोन में बांटा गया है। इसके तहत प्रत्येक न्यायिक अधिकारी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है कि उन्हें इनमें से हर एक जोन में कम से कम तीन साल के दो सामान्य कार्यकाल तक अपनी सेवाएं देनी ही होंगी। नीति में हर तीन साल बाद तबादले का प्रावधान है।


नीति-2016 जारी
सभी पुरानी नीतियों व दिशानिर्देशों को विलोपित करते हुए न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए नीति-2016 जारी कर दी गई है। यह 1 जनवरी 2017 से प्रभावी हो जाएगी।
मनोहर ममतानी, रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट

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