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जबलपुर

हिरन सूखी, पानी के लिए हाहाकर

सिहोरा-खितौला में बुधवार शाम से नलों में नहीं आया पानी

जबलपुरJun 07, 2019 / 01:21 am

sudarshan ahirwa

hiran river dry, people are watering for water

hiran river dry, people are watering for water

जबलपुर. सिहोरा. नगर की जीवनरेखा हिरन नदी के सूखने और बुधवार की शाम से नगर पालिका की पेयजल आपूर्ति बंद होने से 18 वार्डों में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। हालांकि नगर पालिका छह टैंकरों से वार्डों में पानी पहुंचाने का प्रयास जरूर कर रहा है, लेकिन यह प्रयास भी लोगों की पानी की जरूरत को पूरा करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

सिहोरा-खितौला की 60 हजार आबादी को हिरन नदी के तट पर बने फिल्टर प्लांट से पेयजल की आपूर्ति होती है। 1972 में नगर पालिका में नल-जल योजना की शुरुआत हुई। 46 साल बीत जाने के बाद भी पेयजल आपूर्ति की स्थिति जस की तस बनी है। नगर में जब नल-जल योजना की शुरुआत की गई थी, तब सिहोरा नगर की आबादी 20 हजार थी, जो अब बढकऱ तीन गुना यानी 60 हजार हो गई है। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने नल-जल योजना के विस्तार पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि नगर के 18 वार्डों में डेढ़ दर्जन ट्यूबवेल और लगभग 90 हैंडपम्प हैं, लेकिन ट्यूबवेल पाइपलाइनों का विस्तार और इसका रखरखाव नहीं होने से पाइपलाइन जगह-जगह से फूट गई हैं। यही हाल हैंडपम्पों का है। मोहल्लें में लगे अधिकांश हैंडपम्प बंद पड़े हैं।

नगर के ऊपरी क्षेत्रों में पानी को तरसे लोग
नगर पालिका की पेयजल आपूर्ति के दम तोडऩे से पूरे नगर में जलसंकट स्थिति निर्मित हो गई है। सबसे खराब स्थिति ऊपरी बसाहट के क्षेत्रों में देखने को मिली। यहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए दिनभर परेशान होते रहे। वार्ड-4 के सैयद बाबा की टोरिया, वार्ड-3 मनसकरा, वार्ड- 2 नया मोहल्ला, वार्ड-9 पहरेवा, वार्ड-14-15 के लखराम मोहल्ला, वार्ड-17- 18 की ऊपरी बसाहट के क्षेत्रों में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा रहा। चिलचिलाती धूप में महिलाएं और पुरुष बच्चों के साथ नीचे से पीने का पानी ढोने को मजबूर रहे।

अधिकारियों ने नहीं उठाया फोन, बचते रहे जिम्मेदारी से
नगर में जहां पीने के पानी केलिए हाहाकार मचा हैं, वहीं इससे निजात दिलाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी दिनभर अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे। लोगों ने नगर में जलसंकट के निदान के लिए कई बार फोन लगाए, लेकिन जिम्मेदारों ने किसी का भी फोन रिसीव नहीं किया।

खास खास
-सिहोरा-खितौला में रोज एक लाख गैलन पानी की जरूरत
-बरगी दायीं तक नहर से शीघ्र नहीं छोड़ा गया पानी तो हालात होंगे खराब
-तीन सालों से सूख रही है हिरन नदी, बनती है जलसंकट की स्थिति
-दो माह में दो बार बरगी दायीं तट नहर से हिरन में छोड़ा जा चुका है पानी।

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