
hospitals blacklisted
जबलपुर। आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 28 निजी अस्पतालों के खिलाफ जांच पूरी हो गई है। इनमें जबलपुर के 4 निजी अस्पताल शामिल हैं। सोमवार को तैयार रिपोर्ट के आधार पर 11 अस्पतालों की आयुष्मान संबद्धता खत्म होगी। तीन को आगामी तीन महीने तक योजना से बाहर करने, 9 के पैकेज बदलने और 5 अस्पतालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
योजना में फर्जीवाड़ा: 11 अस्पताल नहीं रहेंगे ‘आयुष्मान’
अब प्रत्येक मरीज के पर्चों की पड़ताल के बाद ही होगा भुगतान
सरकार ने निजी अस्पतालों का करीब 800 करोड़ का भुगतान रोक दिया है। हर मरीज के इलाज के पर्चों की जांच के बाद भुगतान होगा। योजना से संबद्ध करीब 550 में से 300 निजी अस्पतालों की जांच हुई है। 28 अस्पताल ऐसे मिले, जहां इलाज के नाम पर घोटाला हुआ। छोटी बीमारियों के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपए का क्लेम किया गया। ‘आयुष्मान’ मरीजों के रिकॉर्ड में 4 बीमारियां दर्ज होती थीं। इनमें उल्टी-दस्त-निर्जलीकरण, मवाद के कारण ऑपरेशन, अचानक बीपी बढऩा और लिवर में संक्रमण-पीलिया शामिल हैं।
आयुष्मान योजना .....
आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों की पड़ताल करने के लिए सरकार ने विडाल कंपनी को नियुक्त किया था। उसे मरीजों को भर्ती कराने, क्लेम पास कराने और संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल अधिकृत है या नहीं इसकी जांच करनी थी। सरकार ने कंपनी को थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर का भी काम दे रखा था। कंपनी को प्रति माह करोड़ों का भुगतान किया जाता है। इसके बाद भी कंपनी मरीजों और निजी अस्पतालों के साथ मिलकर सरकार को ही चूना लगाती रही।
जबलपुर के 4 अस्पतालों का भुगतान रोका
ज बलपुर शहर के 4 निजी अस्पतालों में छापामार कार्रवाई हुई थी। जिनमें आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को भर्ती के नाम पर गड़बड़ी सामने आई थी, इनमें शहर के लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल, आदित्य हास्पिटल, बॉम्बे हॉस्पिटल व सेठ मन्नूलाल हॉस्पिटल के दो करोड़ के क्लेम के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
फर्जीवाड़े का गढ़ भोपाल
फर्जीवाड़े का गढ़ राजधानी भोपाल है। छापे में जिन 28 अस्पतालों में गंभीर अनियमितताएं मिलीं, उनमें19 भोपाल के हैं। रीवा में रीवा हॉस्पिटल, ग्वालियरमें दो और अन्य जिलों के अस्पताल हैं।
Published on:
28 Jun 2022 11:10 am
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