
प्रभाकर मिश्रा.patrika.com.मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में आधुनिक मशीनें लग रहीं हैं। अब शहर में भी फेफड़ों की जटिल सर्जरी होगी। कोरोना के दौर में लंग्स की समस्या पर हैदराबाद व मुंबई की दौड़ लगाना पड़ी थी। अब जबलपुर में फेफड़ों की जटिल सर्जरी हो सकेगी और एडवांस लेवल की बीमारियों का भी पता चल सकेगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में ओटी तैयार हो रही है।
एक्सीलेंस स्कूल के नए भवन में अत्याधुनिक तकनीकी पर आधारित मशीनों से फोस्ट आईसोलेशन टेक्नोलॉजी, कार्डियो पल्मोनरी एक्सरसाइज टेस्टिंग, डीएलसीओ, ***** बॉडी प्लेथिस्मोग्राफी व फेफड़ों की एडवांस जांच हो सकेगी। सांस नली की दूरबीन व अल्ट्रासाउंड से एक साथ जांच होगी। जिससे कैंसर के फोड़े का शुरुआती स्टेज में ही पता लग सकेगा। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में यह जांच अभी केवल भोपाल में ही संभव हो पाती है। इसके साथ नेविगेशनल ब्रोंकोस्कोपी की जांच के लिए जल्दी ही मशीनें लाने की तैयारी है। इसका जबलपुर संभाग के साथ ही समूचे महाकोशल व बुंदेलखंड अंचल के लोगों को भी लाभ मिलेगा। अभी तक फेफड़ों की जटिल सर्जरी से लेकर पल्मोनरी की एडवांस लेवल बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को नागपुर, दिल्ली य मुंबई जाना पड़ता है
हर साल विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में पल्मोनरी मेडिसिन पर फोकस बढ़ गया है। ऐसे में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में हर साल विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। तीन साल में रेस्पेरेटरी से एमडी की सीट बढ़ाकर 8 कर ली गई हैं। भोपाल व इंदौर में मिलाकर रेस्पेरेटरी से एमडी की सीट फिलहाल 6 हैं। इसके साथ डीएम के लिए भी कोर्स शुरू करने एक्सीलेंस स्कूल प्रयासरत है।
हर बेड होगा आइसीयू की तरह
एक्सीलेंस स्कूल में 60 बिस्तरों का अस्पताल होगा। जिसमें कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार बेड तैयार किए जा रहे हैं। इनमें 10 पलंग आईसीयू व 10 बेड एडीयू होंगे। आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल के हर बेड का आईसीयू की तरह उपयोग हो सकेगा। फिलहाल पल्मोनरी के एडवांस लेवल के इलाज के लिए अस्पताल में 12 फेकल्टी हैं। 8 और फेकल्टी लाने प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र की योजना के तहत स्थापित
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन को केन्द्र की योजना के तहत विस्तार दिया जा रहा है। 2018 में इसकी शुरुआत हुई थी। केन्द्र सरकार ने तय किया था की जिस मेडिकल कॉलेज में जो विभाग सबसे अच्छा काम कर रहा है वहां उसका एक्सीलेंस स्कूल स्थापित किया जाएगा। इसी के तहत नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन व स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन न्यूरो की स्थापना के लिए चयन हुआ था। इंदौर मेडिकल कॉलेज का आई व भोपाल के मेडिकल कॉलेज का आर्थो के एक्सीलेंस स्कूल के लिए चयन हुआ था।
वर्जन-
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन के नए अस्पताल भवन में फेफड़ों की बीमारियों के एडवांस लेवल की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीन स्थापित की जा रही हैं। तैयार है कि फेफड़ों की सर्जरी हो सकेगी।
डॉ. जितेन्द्र भार्गव, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन
Published on:
28 Dec 2022 10:11 pm
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