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AIPMT की तरह सख्त नियमों से होगी डीमेट परीक्षा, HC ने तय किए मापदंड

डीमेट (डेंटल एंड मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा अब एआईपीएमटी की तर्ज पर सख्त नियमों के साथ होगी। 

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Kaushlendra Singh

Jul 28, 2015

Madhya Pradesh High Court

Madhya Pradesh High Court

जबलपुर। डीमेट (डेंटल एंड मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा अब एआईपीएमटी की तर्ज पर सख्त नियमों के साथ होगी। मप्र हाईकोर्ट ने डीमेट परीक्षा ऑनलाइन कराने के लिए एपीडीएमसी (एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेजेस) को 5 बिंदुओं पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। चीफ जस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की खंडपीठ ने एपीडीएमसी से पूछा है कि इस संबंध में कोई और सुझाव हो तो कोर्ट को बताया जाए। कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा चाहे जिस एजेंसी से कराई जाए, पर इन सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए।

यह है मामला

पूर्व विधायक पारस सकलेचा व नरसिंहपुर जिले की मेडिकल छात्रा ऋतु वर्मा की ओर से याचिकाएं दायर कर डीमेट परीक्षाओं की विश्वसनीयता को कटघरे में खड़ा किया गया है। याचिकाओं में कहा गया है कि इस परीक्षा में बिना लेन-देन कोई पास नहीं होता। पहले हुईं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एपीडीएमसी की ओर से आवेदन दायर कर ऑनलाइन परीक्षा कराने का प्रस्ताव रखा था। इस पर एपीडीएमसी की ओर से सीलबंद लिफाफे में पेश की गई रिपोर्ट का अवलोकन कर हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कोर्ट इस परीक्षा को लेकर गंभीर है।

सख्ती से करो पालन

हाईकोर्ट ने ऑनलाइन परीक्षा को लेकर 5 बिंदुओं पर दिशानिर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि इन दिशानिर्देशों का पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी व प्रशांत अवस्थी ने पक्ष रखा। एपीडीएमसी को कोर्ट ने इन दिशानिर्देशों के अलावा अन्य कोई सुझाव हो तो प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मामले की सुनवाई 3 अगस्त को तय की गई है।

ये हैं दिशानिर्देश

केंद्रीय परीक्षा सर्वर

यह सुरक्षित होना चाहिए। इसमें परंपरागत पासवर्ड प्रणाली के साथ बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग किया जाए। मानीटरिंग सर्वर में सभी डेटा एकत्र किए जाएं। इसके लिए डेटाबेस मैनेजर नियुक्त किया जाए। जो एनआईसी जैसी स्वतंत्र एजेंसी का कम से कम सी रैंक स्तर का वैज्ञानिक हो।

हर सेंटर पर फिंगर प्रिंट

हर परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर फिंगरप्रिंट रीडर होने चाहिए, ताकि वास्तविक परीक्षार्थी ही केंद्र के अंदर प्रवेश कर सके। हर परीक्षार्थी को उसका आईडी और पासवर्ड अधिकृत किया जाए। परीक्षा केंद्रों में हर प्रश्नपत्र के लिए ऑटोमेटिक कोड जनरेट करने की व्यवस्था हो। इससे पहले आने वाले परीक्षार्थी को पहले कोड मिलेगा। परीक्षा समाप्त होते ही डेटाबेस को लॉक करने की व्यवस्था की जाए। परीक्षा केंद्र में ऑडियो रिकार्डिंग की सुविधायुक्त कम से कम दो सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। परीक्षार्थी की गतिविधियों को रिकार्ड किया जाए। परीक्षा केंद्र आईएसओ 27001 प्रमाणन के मुताबिक होने चाहिए। परीक्षा का रिजल्ट 15 मिनिट के अंदर आ जाना चाहिए।

परीक्षा केंद्र में

हर परीक्षार्थी के कम्प्यूटर सिस्टम में फायरवॉल जैसा सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन या ऑफलाइन नकल न की जा सके। डेस्कटॉप रिकार्डिंग सिस्टम के जरिए परीक्षा के आरंभ से अंत तक रियल टाइम के आधार पर प्रत्येक गतिविधि रिकार्ड की जाए। परीक्षार्थी के कम्प्यूटर में मीनू, टूलबार, बटन या एड्रेसबार न हो। एक आईडी से एक बार ही परीक्षा दी जा सके।

परस्पर संवाद

सर्वर और परीक्षार्थी के कम्प्यूटर के बीच संवाद सुरक्षित हो। एपीडीएमसी व फीस नियामक समिति के पास दो मॉनीटरिंग सर्वर होना चाहिए। परीक्षा केंद्रों से दोनों सर्वरों को एक समय में ही जानकारी भेजी जाए।

प्रस्तावित प्रणाली के मुख्य तथ्य

- उत्तरपुस्तिकाओं के तीन बार सत्यापन से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी। सीसीटीवी फुटेज व रिकार्डिंग से एेसे किसी भी आरोप की छानबीन हो सकेगी।
- बायोमेट्रिक सिस्टम से कोई अवांछित परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र तक पहुंच ही नहीं सकेगा।

पढ़िए कोर्ट का आदेश

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