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नर्मदा में नहीं मिलेगा नालों का गंदा पानी, साठ फीसदी बने ट्रीटमेंट प्लांट

क्षमतावार प्लांट निर्माण--0.9 एमएलडी कुल क्षमता होगी सभी प्लांट की-0.43 एमएलडी का प्लांट पंचवटी में-0.22 के प्लांट लम्हेटा व भड़पुरा में-0.006 एमएलडी के प्लांट दलपतपुर व लम्हेटाघाट में

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5 एसटीपी प्लांट का लम्हेटा और भेड़ाघाट क्षेत्र में हो रहा है निर्माण
प्रभाकर मिश्रा@जबलपुर। नर्मदा को पंचवटी और लम्हेटाघाट में मिलने वाले नालों के गंदे पानी से मुक्ति मिलने वाली है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के पंचवटी घाट में अभी तक नाले का गंदा पानी मिलता देखकर यहां आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक हैरान रह जाते थे। इन नालों का गंदा पानी नदी में मिलने से रोकने के लिए प्रदेश शासन की अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लगभग ग्यारह करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कर रही है। भेड़ाघाट और लम्हेटा क्षेत्र में पांच स्थान पर एसटीपी का प्लांट निर्माण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार पांचों प्लांट का निर्माण कार्य लगभग साठ प्रतिशत पूरा हो गया है। पांचों प्लांट के चालू हो जाने पर नर्मदा को 0.9 एमएलडी गंदा पानी मिलने से मुक्ति मिलेगी।
पांच स्थान पर मिलता है गंदा पानी
भेड़ाघाट नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले भेड़ाघाट के पंचवटी, लम्हेटा, लम्हेटाघाट, भड़पुरा, दलपतपुर में नालों का गंदा पानी नर्मदा में मिलता है। इनमें पंचवटी और लम्हेटा दोनों ऐसे प्वॉइंट हैं जहां ज्यादा मात्रा में गंदा पानी नर्मदा में मिलता है। इसके अलावा तीन और प्वाइंट पर रिहायशी इलाकों का गंदा पानी मिलता है। प्लांट के निर्माण से इन स्थानों पर मिलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट होगा। पानी का उपयोग उद्यानों से लेकर खेतों में सिंचाई के लिए हो सकेगा।
इनका कहना है-
25 साल तक की जनसंख्या को ध्यान में रखकर निर्माणनर्मदा में नाले-नालियों का गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए पांच एसटीपी प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। निर्माणाधीन पांचों प्लांट की कुल क्षमता 0.9 एमएलडी है।
अभय जैन, प्रोजेक्ट प्रभारी