7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

jabalpur Medical Hospital में 1500 हुई बेड संख्या, 5 ऑपरेशन थियेटर शुरू

Jabalpur Medical Hospital : नए भवन में मेडिसिन, गायनिक, आर्थो और शिशु रोग के नए वार्ड बने

2 min read
Google source verification
Jabalpur Medical Hospital

Jabalpur Medical Hospital

jabalpur Medical Hospital : गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए महाकोशल, विंध्य, बुंदेलखंड से जबलपुर आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। मेडिकल अस्पताल में 400 नए बेड और 5 आधुनिक ऑपरेशन थियेटर चालू हो गए हैं। इससे संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में बेड की संख्या बढ़कर 1500 हो गई है। ऑपरेशन से लेकर बेड मिलने को लेकर मरीजों का इंतजार कम होगा। नए भवन में अभी 100 बेड, 5 ओटी, 2 आइसीयू व पोस्ट केयर वार्ड का संचालन शुरू होना बाकी है। स्टाफ मिलने पर इनका संचालन शुरू हो सकेगा।

jabalpur Medical Hospital : 24 घंटे इमरजेंसी सर्जरी

अस्पताल के नए भवन में 5 मॉड्यूलर ओटी शुरू की गई हैं। इनमें गॉयनिक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, ऑप्थेल्मोलॉजी, जनरल सर्जरी की ओटी शामिल हैं। मेडिकल अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सर्जरी होती हैं। पुराने भवन में इन विभागों की ओटी पर मरीजों का जबर्दस्त दबाव था। वार्डों की नई ओटी शुरू होने से अब यहां अधिक संख्या में सर्जरी हो सकेंगी और मरीजों को राहत मिलेगी।

jabalpur Medical Hospital : यह है स्थिति

  • 1100 बेड हैं पुराने भवन में
  • 500 बिस्तर का नया भवन
  • 400 बेड शुरू
  • 2 वार्ड, 2 आइसीयू व कुछ पोस्ट केयर वार्ड का शुरू होना है।

jabalpur Medical Hospital : मरीजों का दबाव

मेडिकल अस्पताल के पुराने भवन की क्षमता 11 सौ मरीजों की है, हर बेड पर मरीजों का भार काफी बढ़ गया था। यहां तक की गायनिक, आर्थो जैसे विभागों में सर्जरी का इंतजार करने वाले मरीजों के लिए फ्लोर बेड भी लगाने पड़ते थे। समय पर इलाज नहीं मिल पाता था।

jabalpur Medical Hospital : अस्पताल के नए भवन में अधिकांश वार्ड शुरू कर दिए गए हैं। बाकी बचे वार्ड और ओटी स्टाफ उपलब्ध होते ही शुरू किए जाएंगे। इससे ज्यादा मरीज भर्ती हो सकेंगे।

  • डॉ. नवनीत सक्सेना, डीन, मेडिकल कॉलेज

jabalpur Medical Hospital : 400 बेड क्षमता के साथ नए भवन में अस्पताल का संचालन शुरू हो गया है, इसके साथ ही 5 ओटी भी शुरू कर दी गई हैं। इससे पुराने मेडिसिन, गायनिक, आर्थो, शिशु वार्ड पर मरीजों का दबाव कम होगा। इसके साथ प्रतिदिन औसतन ज्यादा सर्जरी हो सकेंगी।

  • डॉ. अरविंद शर्मा, अधीक्षक, मेडिकल अस्पताल