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जबलपुर। फर्जी चालान के जरिए 300 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) को सेंट्रल जीएसटी जबलपुर ने रिवर्स कराया है। टीकमगढ़ की दो फर्मों की इस गड़बड़ी को डीजीएआरएम सेल ने डेटा विश्लेषण के आधार पर पकड़ा है। आयुक्त लोकेश कुमार लिल्हारे ने बताया कि जांच-पड़ताल के दौरान, दोनों फर्मों ने अनियमितता स्वीकार अयोग्य आइटीसी को वापस कर दिया है। अभी आगे जांच चलेगी, उसमें जो तथ्य सामने उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
आयुक्तालय के डीजीएआरएम सेल ने डेटा विश्लेषण के आधार पर अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत विभिन्न फर्मों की तरफ से बड़ी मात्रा में आइटीसी का लाभ उठाने का पता लगाया, जो कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अनियमित लिया गया था। इसी आधार पर सीजीएसटी अधिकारियों ने टीकमगढ़ जिले के खरगापुर में महक ट्रेडिंग कंपनी और श्री बजरंग ट्रेडर्स के परिसर का निरीक्षण किया, जो कृषि वस्तुओं के व्यापार में लगे हुए हैं।
जांच में पाया गया कि फर्मों ने जनवरी 2024 की अवधि के दौरान वस्तुओं और सेवाओं की प्राप्ति के बिना और चालान या ई-वे बिल जैसे प्रासंगिक दस्तावेजों के बिना फर्जी आईटीसी को अवेल किया था। दोनों फर्मों के कार्यालय परिसर में निरीक्षण किया गया और यह पता चला कि उन्होंने अपने जीएसटीआर-3 बी रिटर्न में अयोग्य आईटीसी ली है। यह भी सामने आया कि फर्जी आइटीसी को दिल्ली स्थित फर्म विद्या कुमारी (कामेश्वर एंटरप्राइजेज) की ओर से सरकारी खजाने को चूना लगाने के इरादे से दोनों इकाइयों को दिया गया था।
Published on:
08 Apr 2024 06:42 pm
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