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नर्मदा घाट पर कुंंभ सा नजारा, गूंजी नर्मदाष्टक की गगनभेदी गूंज- देखें वीडियो

नर्मदा जयंती के पर्व पर मुख्य तट ग्वारीघाट, उमा घाट, सिद्ध घाट, नाव घाट, जिलहरी घाटों परआस्था का सैलाब उमड़ा है

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Narmada jayanti 2018: Kumbh seen on the Narmada ghat नर्मदा जयंती, पढ़िए कथा, महत्व और चमत्कार, MAA NARMADA KATHA

Narmada jayanti 2018: Kumbh seen on the Narmada ghat नर्मदा जयंती, पढ़िए कथा, महत्व और चमत्कार, MAA NARMADA KATHA

जबलपुर। मां जीवनदायीनी पुण्य सलिला मां नर्मदा के जन्मोत्सव पर समूची संस्कारधानी झूम रही है। हर तरफ माता का जयकारा,नर्मदे हर के स्वर गूंजाएमान हो रहे हैं। गली गली माता के भंडारे लगे हुए हैं, जहां भक्त प्रसाद ग्रहण कर अपने को धन्य कर रहे हैं। माता का जन्मोत्सव कार्यक्रम नर्मदा तट ग्वारीघाट, लम्हेटाघाट, भेड़ाघाट, तिलवाराघाट, न्यू भेड़ाघाट, त्रिशूल भेद सहित अन्य तटों पर धूमधाम से मनाया जा रहा है। ग्वारीघाट में सबसे ज्यादा नर्मदा भक्त सूर्य की पहली किरण धरा पर पडऩे से पहले ही पहुंचना शुरू हो गए। ठीक दोपहर १२ बजे माता नर्मदा का जन्मोत्सव कार्यक्रम शुरू हुआ। नर्मदा अष्टक और वैदिक मंत्रोचारण के बीच साधु संतों की उपस्थिति में विशाल जनसमूह ने गगनभेदी जयकारों के साथ माता का जयकारा लगाया। लोगों ने माता को आस्था के पुष्प अर्पित कर उन्हें स्वस्थ, स्वच्छ और सुंदर रखने का वचन दे रहे हैं।

संतों ने दिलाया संकल्प-
पत्रिका के अभियान मां को बचा लो के तहत साधु संतों ने नर्मदा को स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया। स्वामी गिरीशानंद सरस्वती ने लोगों से कहा कि वे नर्मदा को माता मानते हैं तो उसके आंचल को साफ स्वच्छ रखना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। दीपदान के बजाय घाटों को दीप पर सजाएं, फूलों का विसर्जन न करें। पूजन सामग्री प्रवाहित न करें। इसके अलावा यहां का धार्मिक वातावरण बना रहे इसे भी ध्यान रखें।

ये भी दिखे नजारे
नर्मदा मैया के लिए शहरवासियों के मन में कितनी श्रद्धा और आस्था है, यह नर्मदा तटों पर आज साक्षात नजर आ रही है। नर्मदा जयंती के पर्व पर मुख्य तट ग्वारीघाट के साथ ही उमा घाट, सिद्ध घाट, नाव घाट श्री बाबा श्री घाट, जिलहरी घाट सभी जगह आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा ह।ै श्रद्धालुजन पूजन,अनुष्ठान में जुटे हैं, संत वैदिक पंडित पूजन करा रहे हैं और जगह-जगह भंडारा चल रहा है जहां श्रद्धालु प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं।

हुई यातायात की नई पहल-
इस बार एक नई पहल भी हुई है । हर बार की तरह आयोजन इस बार अव्यवस्थित नहीं दिख रहा बल्कि पहली बार कुंभ मेले की तर्ज पर सेक्टर्स में लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्र को तब्दील किया गया है जहां पुलिस के जवान, प्रशासनिक अधिकारी वालंटियर्स, सामाजिक कार्यकर्ता व्यवस्थाओं की बागडोर संभाले हुए हैं। वाहनों को निर्धारित रुट से पार्किंग स्थल तक पहुंचाया जा रहा है। यही वजह है की दोपहर १.३० बजे तक कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनी और सुचारु रुप से पूरा आयोजन संचालित हो रहा है। वाहनों की वापसी भी निर्धारित रुट से की गई है, उसमें जगह-जगह पुलिसकर्मी अपने पॉइंट पर तैनात है और माइक के माध्यम से लगातार अनाउंसमेंट कर रहे हैं। अगर कोई वाहन चालक कुछ दे नहीं ठहरता है तो तत्काल अनाउंसमेंट के जरिए सूचित किया जाता है कि वह आगे बढ़ता जाए जिससे कि जाम ना लग। इसके साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखी जा रही है।

जगह जगह कचरा पेटी, कंटेनर-
इस बार मार्ग का चौड़ीकरण हुआ है उसका भी आयोजन को व्यवस्थित करने में लाभ मिल रहा है। नगर निगम की टीम भी लगातार स्वच्छता की अपील कर रही है । इसके साथ ही जो नगर निगम के सफाई कर्मी है वह लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। जहां भी उन्हें दोना पत्तल या कचरा नजर आ रहा है तत्काल उठाकर उसे डस्टबिन में कंटेनर में डाल रहे और नगर निगम के कचरा वाहन तत्काल कचरे को ले जा रहे हैं। नाविक वॉलंटियर बनकर सफाई व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।

वह नाव के जरिए नर्मदा के प्रवाह क्षेत्र में अर्पित की गई पूजन सामग्री फूल माला दीपदान में उपयोग किए गए दोनों को तत्काल छन्ना के माध्यम से नावों के जरिए निकाल रहे हैं जिससे प्रवाह क्षेत्र में कचरा ना हो और स्वच्छता बनी रहे। नर्मदा के पावन तटों पर इस कारण अद्भुत अद्वितीय अनुपम नजारा दिख रहा है । सांस्कृतिक आयोजनों की भी धूम है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा है श्रद्धालुओं की संख्या पल पल यहां बढ़ती जा रही है।