डायल-100 को मिली सूचना-
मझगवां पुलिस के अनुसार सैलवारा निवासी संदीप ठाकुर साथी चंदन पटेल के साथ घूमने शारदा मंदिर जा रहा था। सैलवारा के जंगल में उसे सुबह सात बजे के लगभग नाला के पास की झाडिय़ों से रोने की आवाज आयी। पास जाकर देखा तो एक नवजात बेटी कपड़ों में लिपटी हुई रो रही थी। उसके शरीर पर चीटियां काट रही थीं। कई जगह मक्खियों ने अंडे दे दिए थे, जो इल्ली में परिवर्तित होकर उसके कान व सिर को छेंद डाले हैं। ये नजारा देख दोनों दोस्तों ने डायल-100 को सूचना दी। पुलिस वाले उसे लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे मेडिकल रेफर कर दिया।
फिर शुरू हुआ अस्पताल दर अस्पताल भटकने का क्रम
वहां से लेकर पुलिस वाले सुबह 10 बजे मेडिकल पहुंचे। यहां मासूम को भर्ती कराने के लिए भटकते रहे। यहां से विक्टोरिया ले जाने को कहा गया। पुलिस वाले मासूम को लेकर विक्टोरिया पहुंचे तो वहां भी भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। फिर पुलिस वालों ने अधिकारियों से बात की। एएसपी शिवेश सिंह बघेल ने एल्गिन में बात कर मासूम को वहां भर्ती कराया। इस सब में दोपहर के तीन बज गए। तब जाकर मासूम का इलाज शुरू हो पाया।
जिम्मेदार देते रहे गोल-मोल जवाब-
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी ने बताया कि किन परस्थितियों में विक्टोरिया ले जाने की सलाह दी गई। इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं नर्सरी विभाग से जुड़े चिकित्सक का दावा है कि पुलिस वालों को नर्सरी में लाने के लिए कहा, लेकिन वे चले गए। जबकि विक्टोरिया के सिविल सर्जन डॉक्टर सीबी अरोरा ने कहा कि एक से 28 दिन तक के बच्चों को भर्ती करने की सुविधा यहां नहीं है।
वर्जन-
मासूम की हालत काफी गम्भीर है। उसे एसएनसीयू में रखा गया है। नवजात की उम्र दो से तीन दिन होगी।
डॉक्टर संजय मिश्रा, आरएमओ, एल्गिन अस्पताल
वर्जन-
मझगवां पुलिस ने मासूम को परित्याग करने के मकसद से जंगल में फेंकने पर धारा 317 भादवि का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
शिवेश सिंह बघेल, एएसपी, ग्रामीण