जबलपुरPublished: Mar 19, 2021 08:55:21 pm
prashant gadgil
हाईकोर्ट का निर्देश
OBC
जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मप्रपीएससी को निर्देश दिया कि सही जवाब देने वाले छात्रों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए। जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच ने यह निर्देश दिए। पीएससी की मुख्य परीक्षा 21 मार्च को होनी है। रीवा निवासी अजय कुमार मिश्रा व विक्रम सिंह की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पीएससी परीक्षा में शामिल हुए। वे महज दो अंक से मुख्य परीक्षा में शामिल होने से चूक गए। एक सवाल ऐसा पूछा गया था, जिसके दो जवाब सही थे। उन्होंने एक सही जवाब पर टिक किया। नियमानुसार दोनों सही में से एक जवाब देने वाले प्रतिभागियों को अंक दिए जाने चाहिए थे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। गलती पीएससी की थी। याचिकाकर्ताओं को लाभ मिलना चाहिए। अधिवक्ता मिश्रा ने एनएचएआइ की सूची संलग्न करके साफ किया कि नेशनल हाइवे क्रमांक- तीन व आठ दोनों ही मध्य प्रदेश को नहीं छूते हैं। लिहाजा, दोनों उत्तर सही थे। पीएससी की नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि जिस भी प्रश्न के एक से अधिक उत्तर सही होंगे, तो उनके अंक प्रदान किए जाएंगे। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को अंक न देने से वे मुख्य परीक्षा से वंचित हो गए। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएससी में पुनर्मूल्यांकन का प्रवधान नहीं दिया गया है, लेकिन यह मामला अपवाद है। गलती पीएससी की है, इसलिए याचिकाकर्ताओं को अतिरिक्त अंक देकर मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए।