
Rent of shops
Rent of shops : शहर की प्राइम लोकेशन में डेढ़ सौ-दो सौ फीट की दुकान मामूली किराये पर देकर गलियारे से लेकर फुटपाथ में उसका दो गुना अतिक्रमण करा दिया गया है। नगर निगम के हर बाजार का ये ही नजारा है। इसके कारण पुराने बस स्टैंड से लेकर राइट टाउन, नया बाजार, बलदेवबाग, दमोहनाका, गढ़ा, गौरीघाट, अधारताल, रांझी हर जगह निगम के बाजारों में अराजक हालात बन रहे हैं। यातायात व्यवस्था चौपट हो रही है। हद तो ये है कि निगम प्रशासन अपने ही बाजारों के हालात नहीं सुधार पा रहा है। जबकि ये दुकान निगम ने दुकानदारों को मामूली किराये पर दे रखी हैं। प्राइम लोकेशन की दुकानों का किराया 600-800 से लेकर 1200 रुपये है। जबकि उन्हीं लोकेशन में निजी दुकानों का किराया 50 हजार तक है। इतना ही नहीं निगम के कई किरायेदारों ने पूरी अथवा कुछ हिस्सा दूसरों को किराए पर दे दिया है और उपकिराएदार से तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।
नगर में अलग-अलग स्थान पर निगम की दो हजार से ज्यादा दुकान हैं। ज्यादातर दुकान तीन से चार दशक पहले दुकानदारों को किराये पर आबंटित की गई थीं। कुछ दुकान छह-सात दशक पुरानी भी हैं। सूत्रों के अनुसार ढाई सौ के लगभग दुकान ऐसी हैं जो उप किरायेदार संचालित कर रहे हैं। किरायेदार तो निगम को महज छह सौ -आठ सौ रुपये किराया चुकाते हैं। लेकिन उप किरायेदारों से वे किराये की बड़ी रकम वसूल रहे हैं। इस प्रकार उनकी तो भरपूर कमाई हो रही है लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे निगम के खजाने में इन दुकानों से महज छह सौ-आठ सौ रुपया किराया आ रहा है।
निगम की दुकानों में ग्राहकी बढ़ाने की जुगत में किरायेदार मनमाना बदलाव कर ले रहे हैं। वर्षों पहले दुकानों का निर्माण सामयिक जरूरत के हिसाब से किया गया था। लेकिन उनके स्वरूप में मनमाना बदलाव शो रूम बना लिए जा रहे हैं। ऐसे में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से यातायात भी चौपट हो रहा है। इसके बावजूद निगम प्रशासन इन दुकानों का आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया नहीं कर पा रहा है।
निगम मुयालय के आसपास से लेकर पुराने बस स्टैंड, राइट टाउन स्टेडियम, बलदेवबाग, निवाडग़ंज, गुरंदी, दमोहनाका स्थित पुराने क्षेत्रीय बस स्टैंड, गढ़ा, ग्वारीघाट, रामपुर, ओमती, इंदिरा मार्केट, रांझी, अधारताल समेत अन्य इलाकों में निगम की दुकान प्राइम लोकेशन पर हैं।
निगम ने पिछले साल अपने बाजारों का सर्वे कराया था। जिसमें पाया गया था कि निगम के स्वामित्व की 300 दुकान उप किरायेदार संचालित कर रहे थे। इसके बाद निगम प्रशासन ने दुकानदारों को नोटिस जारी किए थे। उप किराये पर ही निगम की दुकानों को अपने नाम पर दर्ज कराते दस्तावेज पेश करने कहा था। पचास दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया गया था।
Rent of shops : निगम के स्वामित्व की दुकानों में उप किरायेदारी वाली दुकानों को चिन्हित कर आवंटन निरस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही नगर निगम के बाजारों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें व्यविस्थत करने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
Updated on:
05 Mar 2025 12:47 pm
Published on:
05 Mar 2025 12:07 pm
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